बिलासपुर। कोयले को लेकर के केंद्र सरकार की कार्यशैली पर मुख्यमंत्री भूपेश बघ्ोल ने सवाल उठाया रतनपुर मां महामाया मंदिर में दर्शन करने पहुचे पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि कोयले को लेकर के केंद्र सरकार की दोहरी निती है। एक तरफ सरकार कह रही की कोयले की कमी नहीं दूसरी तरफ उनके केंदीय कोयला मंत्री प्रहलाद जोशी खादानों का दौरा कर रहें है। ये केंद्र सरकार का दोहरापन है। देश में कोयले की कमी के करण कई जगहों के पावर प्लांट बंद हो गए है। लेकिन इस मामले में छत्तीसगढ़ की स्थिती अलग है। मैंने कल ही एसीसीएल और रेलवे के अधिकारियोंे की मिटींग ली है और कहा है कि राज्य में किसी भी तरह से कोयले की कमी नहीं होनी चाहिए।
मां महामाया दर्शन के लिए पहंुचे सीएम बघ्ोल ने सभी को नवरात्रि की बधाई दी प्रदेश के धन धान्य के आशिर्वाद के लिए मैंने मां महामाया का दर्शन किया। सीएम बघ्ोल ने सिम्स की अव्यवस्था को लेकर कलेक्टर से रिपोर्ट मांगी है। इस दौरान सीएम सख्त नजर आए सीएम के इस रवैये से यह लग रहा है कि अब जल्द ही सिम्स की अव्यवस्था सुधरेगी। इस दौरान विधायक एवं सांसदीय सचिव रश्मि सिंह, पर्यटन मंडल के अध्यक्ष अटल श्रीवास्तव, आशीष सिंह, महापौर रामशरण यादव, सहकारी बैंक के अध्यक्ष प्रमोद नायक, विजय केशरवानी, विनय शुक्ला, संदीप शुक्ला, त्रिलोक श्रीवास, टाटा महाराज, अरविंद शुक्ला, ब्लॉक अध्यक्ष रमेश सूर्या, पिनाल उपेजा सहित अन्य कांग्रेसी नेता उपस्थित रहें।
इधर देश में कोयले के संकट को लेकर के केंद्रीय कोयला मंत्री प्रहलाद जोशी बिलासपुर पहंुचे जहां एसीसीएल के अधिकारियों से चर्चा करने के बाद खदानों को देखने रवाना हुए। बिलासपुर में पत्रकारों से चर्चा करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कोयले की कमी नहीं है। जितना कोयले का मांग बिजली मंत्रालय ने मांग की थी उससे ज्यादा उत्पादन किया है। 1.9 मीलियन टन कोयले की मांग की गई थी। जिसमें से अब तक 2 मीलियन टन का उत्पादन एसीसीएल ने उत्पाद कर लिया है। मैं कोयले को लेकर के किसी तरह की राजनिती करने के लिए नहीं आया हूं मैं कोयला उत्पादन की समीक्षा करने आया हूं और ये विस्वाश दिलाता हूं की बिजली बनाने के लिए किसी भी तरह की कोयले की कमी नहीं होगी।
इधर कोयला व्यपारी भी एसईसीएल सीएमडी सहित अधिकारियों की मनमानी से परेशान है।जिस कोयला मंत्री को ध्यान देना चाहिए कही वो केवल अधिकारियों की बात सुन कर तो नही चल दिये बड़े कोयला व्यवसाई खुद सीएमडी सहित एसईसीएल के अधिकारियों की कार्यशैली से परेशान है उतना भुगतान जमा होने के बाद भी कोयले का वितरण नही किया जा रहा है ,कोयला मंत्री ने एसईसीएल नकी इसअव्यस्था की ओर देखा नही तभी तो बता दिया कि कोयले बक उत्पन्न हों रहा है।अगर कोयले नक उत्पादन हो रहा है तो कोयला व्यवसाई को वितरण क्यों नही किया जा रहा ।इसका मतलब जमीन में कुछ और कागज में कुछ एयर कोयला उत्पादन है ।इस लिए कोयले का संकट वाजिब नही लगता ,जरूर पर्दे के पीछे कुछ उर कहानी है।


