बिलासपुर- कांग्रेस में संग़ठन नाम की कोई चीज नही है।कोई सारे आम गृह मंत्री से रेट लिस्ट पूछता है । थाने में जाकर अपनी सरकार पर उँगली उठता है।मंन्त्री संगठन की सुनते नही है। अभी अभी प्रदेश प्रभारी पी एल पुनिया ने पीसीसी की बैठक ली निर्देश दिए कि मंन्त्री जिस जिले में जाये वंहा कांग्रेस भवन जाए पार्टी कार्यकर्ता से मिले लेकिन मंन्त्री प्रदेश प्रभारी को हल्के से ले रहे है। नगर निगम के मंन्त्री शिव डहरिया का अम्बिकापुर से लौटते वक्त बिलासपुर में बैठक के साथ कांग्रेस भवन में मिलने का कार्यक्रम था लेकिन मंन्त्री भगवान स्वरूप कार्यकर्ताओं को दर्शन दिए बिना निकल गए ।वो भी कांग्रेस भवन के बाजू से सायरन बजाते निकल गए।और कार्यकर्ता सहित महापौर रामशरण यादव,, सहकारी बैंक के अध्यक्ष प्रमोद नायक , सभापति शेख नजरीरुद्दीन ,विजय पांडे शहर अध्यक्ष,जिला पंचायत अध्यक्ष सहित कई संगठन के पदाधिकारी गुलदस्ता लिए खड़े रह गए। कार्यकर्ताओं की ऐसी बेइज्जती हद है कोई सत्ता के सुरूर में मंन्त्री जी को कार्यकर्ताओं का फूल भी पसंद नही आया।कांग्रेस की दुर्गति यही सब कारण है धीरे घड़ा भरता है फिर कार्यकर्ता नाराज हो जाता है। इस सब के बीच अब सवाल उठता है कि संगठन के आदेश को ठेंगा दिखाने वाले ऐसे मंन्त्री का क्या होगा।मंन्त्री अगर प्रदेश प्रभारी पी एल पुनिया की नही सुन रहे तो किसकी सुनेंगे छोटा कार्यकर्ता तो मर गया समझो। कन्हि न कन्हि इसके कांग्रेस का कमजोर नेतृत्व ही जिम्मेदार है जिसकी वजह से कांग्रेस की छवि खराब हों रही । कमजोर संगठन कंही भी अपने मकसद को नही पा सकता ,बीजेपी में संगठन मजबूत है तभी दो सांसद वाली पार्टी आज सरकार में है।
इधर गुडलदास्त लेकर खड़े कांग्रेसियों मंन्त्री के नही आने से मायूस हो गए तो किसी ने बताया कि एक एल्डरमैन का जन्मदिन है तो सभी ने मंन्त्री के लिए आंये गुलदस्ते को एल्डरमेन को दे कर कार्यकर्ता की इज्ज़त कर दी। कुछ कार्यकर्ता कहते रहे कि मंन्त्री के किस्मत में फूल था ही नही तो क्या करें।

