वन आदिवासी समाज की आस्था जो पेड़ काटेगा उसका एक सर काटेंगे, ऐसा नारा देने वाले हमारे पूर्वज, केदार कश्यप।

बिलासपुर, हमारे पूर्वज का डीएनए हमारे खून में है हमारे पूर्वजों के शौर्य को जानना चाहिए जिन्होंने हमारी संस्कृति , परंपरा, हमारे जल जंगल जमीन को बचाया ,कई लोग आज विपरित परिस्थिति में हमारी संस्कृति , परम्परा को बचाया मै उनको प्रणाम करता हूं, मुगल हो या अंग्रेज इनको सबसे ज्यादा नुकसान आदिवासियों से हुआ , आज जंगल अगर बचा है तो आदिवासियों के कारण जंगल को नुकसान व्यापारियों से हों रहा है , आदिवासी का जीवन जल, जंगल  ,जमीन है इसलिए आदिवासी कभी भी जंगल अवैध  तरीके से नहीं काटता अपनी जरूरत केलिए सुखी लकड़ी और वनोपज ही लेता है, आज एक असली आदिवासी मुख्यमंत्री है ये गर्व की बात है, भूमकाल  शहीद गुंडाधुर ने जब अंग्रेज जंगल काटकर ले जा रहे थे तब उन्होंने नारा दिया एक पेड़ काटोगे तो हम एक सर कटेंगे, अंग्रेजों के कमांडरों को मार गिराने का काम गुंडाधुर जैसे महानायकों ने किया, हमको अपने पूर्वजों को जानना होगा जिनकी बदौलत आज हम ये कार्यक्रम कर रहे है , अपने पूर्वजों को जाने और अपने बच्चों को बताए, हमारी संस्कृति , परंपरा मजबूत है हमको बांध कर रखने की ताकत किसी में नहीं है इसलिए हम जंगलों स्वच्छंद रहते है, मुझे  बड़ा दुख होता है जब  देखता हूं किगरीब आदिवासी जो जंगल से अपनी जरूरतों के मुताबिक सुखी लकड़ी लेकर आता है तो उसके खिलाफ मामला बन जाता है और वो बेचारे डीएफओ, कार्यालय, एसडीएम कार्यालय के चक्कर काटते रहते है परेशान हो जाते है, आज द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति बनाया गया है ये आदिवासी समाज केलिए गौरव की बात है, जराहभाटा  पीएमटी हॉस्टल में शहीद वीर नारायण के कार्यक्रम में आए  वन मंत्री केदार कश्यप ने युवाओं में अपने आदिवासी समाज के गौरव उनकी मेहनत,उनके कार्यों को लेकर जमकर जोश भरा । साथ ही हॉस्टल की बिल्डिंग और उनके लिए कंप्यूटर देने की घोषणा की। कार्यक्रम विधायक जनक राम मरकाम, विधायक तुलेश्वर मरकाम, आदिवासी समाज के अध्यक्ष सुभाष परते, मनोज मरावी, पार्षद सूरज  मरकाम सहित बड़ी संख्या युवा आदिवासी शामिल हुए,ये कार्यक्रम 38साल से लगातार किया जा रहा है।

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