बिलासपुर- लोरमी विधायक धरमजीत सिंह अपने सही संयर गलत निर्णय के कारण योग्य होते हुए भी केवल विधायक रह गए है ।2000 में राज्य बना अजित जोगी की सरकार बनी तो अजित जोगी का साथ छोड़कर विद्याचरण शुक्ला के साथ चले गए लड्डू विधान मिश्रा खा गए जबकि विधान मिश्रा से धरमजीत सिंह ज्यादा काबिल थे लेकिन गलत निर्णय के चलते मंत्री पद गंवा बैठे। इसी तरह जब कांग्रेस धरमजीत सिंह जब धरमजीत जोगी के साथ गए तो कांग्रेस की सरकार बन गई ,फिर सत्ता से बाहर हो गए। अब धरमजीत सिंह फिर राजनीति की नई राह पर है हालांकि अभी राह तय नही कर पाए है । विधायक धरमजीत सिंह का दिल दिमाग एक साथ नही लग रहा है पूर्व सीएम रमन सिंह से नजदीकी को लेकर चर्चा में है ,ताजा ताजा एक कार्यक्रम में सीएम भूपेश बघेल ने धरमजीत को कह दिया मैं जानता हूँ धरमजीत सिंह का झुकाव किधर है । मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की बात ने धरमजीत सिंह के मन मे खलबली मचा दी है ।मामला एति देखव की वोती ,हो गया है । खैर उलझन जो भी हो विधायक धरमजीत सिंह को सुलझना पड़ेगा ।एक योग्य नेता के भ्रमित होने एयर गलत निर्णय से केवल धरमजीत सिंह अपना नुकसान नही कर रहे बल्कि अपने चाहने वालो और जनता का भी नुकसान कर रहे है इसलिए अबकी बारी धरमजीत सिंह को सही समय मे सही निर्णय लेना होगा ।ताकि उनकी सही समय मे गलत निर्णय वाली छवि से उबर सके।
