बिलासपुर- सरकार पुलिस को 13 महीने का वेतन मिलता है क्यों कि ड्यूटी ज्यादा करते है जबकि इनको मिलने वाले वेतन से एक चौथाई वेतन में कई लोगो जीवन गुजार रहे है कई तो पढलिखकर बेरोजगार घूम रहे है ।वो भी अधिकारी स्तर के कर्मी ।जिले के कप्तान मुस्तैद है लेकिन उनकी पुलिस कामचलाऊ ड्यूटी कर रही है ऐसे ही लापरवाहीपूर्वक वीआइपी ड्यूटी के दौरान कोई घटना हो जाये तो पुलिस सफाई देते फिरती है। मुख्यमंत्री के दूत कब रूप में पहुँच खाद्य मंत्री अमरजीत भगत की सुरक्षा की जिम्मेदारी कुर्सी पर बैठी पुलिस पर है। एक महिला डीएसपी बस इधर उधर घूमकर ड्यूटी देते नजर आई ,आरक्षक भी ईमानदारी आए ड्यूटी देते दिखे लेकिन जंहा मंत्री खड़े होकर भाषण दे रहे हो वंहा तैनात पुलिस कर्मी यदि कुर्सी पर बैठा नजर आए तो साफ है कि पुलिस कितनी जिम्मेदारी से काम करती है उसे बताने की जरूरत नही ,आला अधिकारियों की नजर इसे पुलिस कर्मियों पर जाती क्यो नही ,ऐसे लोगो के कारण पुलिस और सरकार दोनो की छवि खराब होती है ,वो सीधेसादे आदिवासी मंत्री है इसलिए बेचारे कुछ नही बोले ।लेकिन मन्त्री की सज्जनता का मतलब ये नही की बड़े अधिकारी इस ओर ध्यान न दे। उम्मीद है एसपी या फिर आई जी इसे गंभीर लापरवाही के रुप मे लेंगे।