बिलासपुर- कांग्रेस हाईकमान ने महाराजा साहब की आखिकार छूट्टी कर दी बिना विद्यायको के समर्थन महाराजा राजा बनना चाहते थे ।हाईकमान ने इसकी इजाजत नही दी और चलता कर दिया ।जिस महाराजा के साथ एक भी प्रजा नही उसके साथ हाईकमान ने भी खड़ा होने से इंकार कर दिया। कांग्रेस हाईकमान ने महाराजा की जगह प्रजा का साथ दिया।महाराजा की हालत ये हो गई कि एक ही समर्थक दिखा वो भी सांसद पत्नी एक समर्थक से मुख्यमंत्री बनने की चाह रखने वाले महाराजा को हाईकमान ने टाटा कर दिया। खीर खाने के बाद अब महाराजा को हाईकमान में बुराई दिख रही है ।महाराजा को अपना अपमान दिख रहा है।आजकल की राजनीति में प्रजा राजा महाराजा को पसंद नही कर रही न ही ज्यादा वीआइपी कल्चर को पसंद कर रही है।पहले जब लोग निरक्षर थे तो अज्ञानता वश राजा महाराजा को तवज्जो देते थे अब ,किसान और मजदूर भी पढ़ा लिखा वो भी विधायक और सीएम बनने के काबिल है और जनता बीबी अब ऐसे योग्य लोगो को पसंद कर रही है। कांग्रेस आम लोगोकी भवन को अब समझने लगी है इसलिए एमपी में एक राजा को भाव नही दिया तो राजा जैसा कि अपने फायदा का सौदा देखता है ना कि जनता के फायदे का कुर्सी मिली तो निकली लिए ,जबकि आम नेता जनता की सोचता है।इनसे मिलने में कोई डेकोरम नही होता।जबकि महाराजा से मिलने के लिए दरबान और दरबान के बाद राजा मिलता है। पंजाब के महाराजा अमरिंदर सिंह अपने विधायक और जनता दोनो से दूर हो गए थे इसलिए हाईकमान ने उनको चलता कर दिया।

