बिलासपुर- मिनिमलि इनवेसिव कार्डियक सर्जरी एक न्यूनतम जोखिम वाली सर्जरी है , जो पारंपरिक ओपन हार्ट सर्जरी की तुलना में इस पद्धति के कई लाभ है । वरिष्ठ हृदय शल्य चिकित्सक डॉ . अनुज कुमार द्वारा सफलतापूर्वक इस सर्जरी को 66 वर्षीय एक व्यक्ति पर किया गया , जो कि संभवत : मध्य भारत की पहली मिनिमलि इनवेसिव कार्डियक ३ सर्जरी है । हृदय शल्य चिकित्सा की यह एक आधुनिक पद्धति है । इसमें पारंपरिक म पद्धति के समान छाती की हड्डियों को उ काटने की एवं छाती को लगभग 10 इंच गरानोलने की आवश्यकता नही होती । सिफ सात से आठ सेमी के छोटे चीरे सेकार्यपालन अधिकारी डॉ . मनोज नागपाल ने डॉ . अनुज कुमार एवं उनकी पूरी टीम को बधाई दी । वहीं मेडिकल सुपरिटेडेंट डॉ . वैभव ओत्तलवार ने बताया कि पूर्व में भी डॉ . अनुज एवं उनकी टीम द्वारा हार्ट की जटिल शल्य चिकित्साओं जैसे बैंटॉल एवं मिनिमलि इनवेसिव वॉल्व सर्जरी को सफलतापूर्वक संपन्न किया जा चुका है । अब दूरबीन पद्धति से हॉर्ट का बाइपास भी उपलब्धि है।शल्य चिकित्सा पूरी की जाती है । डॉ अनुज ने बताया कि इसक अनेक फायदे हैं , जैसे कम से कम रक्त की हानि , जान की न्यूनतम जोखिम , न्यूनतम संक्रमण की संभावना , लगभग दर्द रहित प्रकिया एवं न्यूनतम भर्ती दिनों की है । महिला मरीजों के लिये यह तकनीक अत्यधि उपयोगी है क्योंकि सामान्य सर्जरी से बनने वाले निशान की तुलना में अत्यधिक छोटा निशान बनता है जो सामान्य तौर पर दिखाई नहीं देगा।

