पटवारी के बहाली आवेदन पर कार्यवाई के निर्देश,पटवारी की याचिका पर हाईकोर्ट ने कलेक्टर और एसडीओ को दिए निर्देश।

बिलासपुर- सुरजूराम ठाकुर तहसील – दुर्गुकोन्दल , जिला कांकेर में पटवारी के पद पर पदस्थ था । उसके विरुद्ध शिकायत प्राप्त होने पर एस.डी. ओ . , राजस्व भानुप्रतापपुर द्वारा उसे अक्टूबर 2020 में सेवा से निलंबित कर दिया गया । उसके पश्चात् 28 अक्टूबर 2020 को एस.डी.ओ. भानूप्रतापपुर द्वारा उसे आरोप पत्र जारी किया गया । आरोप पत्र का जवाब प्रस्तुत करने के पश्चात् एस.डी.ओ. द्वारा विभागीय कोई कार्यवाही न करने एवं सुरजूराम ठाकुर को निलंबन से बहाल न किये जाने से क्षुब्ध होकर सुरजूराम ठाकुर द्वारा हाईकोर्ट अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय एवं दीपिका सन्नाट के माध्यम से हाईकोर्ट बिलासपुर के समक्ष रिटयाचिका दायर की गई । अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय एवं दीपिका सन्नाट द्वारा हाईकोर्ट के समक्ष सुप्रीमकोर्ट द्वारा पूर्व में वर्ष 2015 में अजय कुमार चौधरी विरूद्ध यूनियन ऑफ इंडिया के वाद में पारित न्याय दृष्टांत का हवाला दिया गया । उक्त दृष्टांत के अनुसार यदि किसी शासकीय कर्मचारी को सेवा से निलंबित किया जाता है तो उसे 90 ( नब्बे ) दिवस पश्चात् सेवा में बहाल किया जाना है एवं यदि शासकीय कर्मचारी को 90 ( नब्बे ) दिवस पश्चात् भी निलंबित रखने की आवश्यकता है तो विशेष कारण बताते हुये निलंबन से विस्तारण का आदेश पारित करना आवश्यक है , परन्तु याचिकाकर्ता के मामले में उक्त नियम का पालन नहीं किया गया । इसके साथ ही याचिकाकर्ता द्वारा आरोप पत्र का जवाब प्रस्तुत किये जाने के पश्चात् 09 ( नौ ) माह तक विभागीय कोई कार्यवाही नहीं की गई इसके साथ 90 ( नब्बे ) दिवस पश्चात् निलंबन में रखने का विशेष कारण बताते हुये निलंबन से विस्तारण का आदेश पारित नहीं किया गया । उच्च न्यायालय , बिलासपुर द्वारा उक्त रिट याचिका की सुनवाई के पश्चात् याचिका को स्वीकार कर कलेक्टर , कांकेर एवं एस.डी. ओ . भानुप्रतापपुर को यह निर्देशित किया गया कि वे सुप्रीम कोर्ट द्वारा अजय कुमार चौंधरी के वाद में पारित न्याय दृष्टांत के आधार पर याचिकाकर्ता सुरजूराम ठाकुर को निलंबन से बहाल किये जाने हेतु अभ्यावेदन निराकरण करें ।

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