बिलासपुर, एक ठन छत्तीसगढ़ी गाना आजकल बढ़िया चलत हे , टूरी मन रिल बनवाता हे , ये गाना के माध्यम दारू के खिलाफ मुहिम टूरी मन छेड़ दे हे,माई लोगन अऊ टूरी मन ऐला भारी गावत हे , टूरी मन भगवान ले मनावत हे गाना म ख़ुटखा खाके, कचर कचर थूकने वाला अयु , दारू पीने वाला डऊका झन देबे भगवान, टूरी मन गावत हे भाटा कस कारिया डऊका मिल जाए, कनवा, बिलवा , ख़सर्रा डऊका मिल जाए लेकिन दारू पीने वाला ड ऊका झन मिले भगवान। ग़ज़्जहा टूर मन कभी नई नहाए,गाना सूनने में अच्छा है संगीता लोकल है, लेकिन दर्द बड़ा है , जो गाने की तर्ज पर बड़ा मेसेज है , बात मनोरंजन की हो सकती है लेकिन युवा पीढ़ी को बरबाद करता परिवार को बरबाद करता नशा वाकई बड़ा दर्द है , टूरी मन बिलवा, कनवा, ख़सर्रा ड्यूका धरे बर तैयार है लेकिन दारू पीने वाला डऊका नहीं चाही,ये महिला मन सरकार से नहीं भगवान से। दारू बंद करे के प्रार्थना करत हे।