बिलासपुर-यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस के आह्वान पर देश भर की विभिन्न बैंकों के 10 लाख से अधिक बैंक कर्मचारी – अधिकारी बैंकों के निजीकरण के विरोध में 15 एवं 16 मार्च 2021 को 2 दिन की राष्ट्रव्यापी बैंक हड़ताल करेंगे। हड़ताल के पूर्व 19 फरवरी को सभी राज्यों की राजधानी में धरना दिया जाएगा एवं 20 फरवरी से 10 मार्च तक सभी राज्यों ,जिलों ,कस्बों में रिले धरने के आयोजन किए जाएंगे।
राष्ट्रव्यापी बैंक हड़ताल एवं इससे संबंधित आंदोलनात्मक कार्यक्रमों का निर्णय ,मंगलवार को हैदराबाद में आयोजित यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस की मीटिंग में लिया गया। बैठक में ,हाल ही में केंद्र सरकार का बजट पेश करते हुए केंद्र सरकार की वित्त मंत्री ने आईडी बीआई सहित दो सरकारी क्षेत्र के बैंकों एवं एक सामान्य बीमा कंपनी के निजी करण, बेड बैंक की स्थापना, एलआईसी मैं 74 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों की बिक्री आदि की घोषणा की थी। बैठक में उपस्थित प्रतिनिधियों ने कहा की सरकार की उक्त घोषणा एवं घोषित सभी उपाय जन एवं श्रम विरोधी ,प्रतिगामी, अनुचित एवं पूरी तरह से दुर्भाग्यपूर्ण है ।इस कारण इनके विरोध करने की आवश्यकता है। बैठक में किसान आंदोलन एवं उनके संघर्ष के साथ एकजुटता व्यक्त की गई एवं सरकार से उनके दृष्टिकोण पर पुनर्विचार करने और किसानों की मांगों के सौहार्दपूर्ण समाधान खोजने का आग्रह किया गया ।बैठक में इस बात पर भी ध्यान दिया गया कि सरकार नए श्रम संहिता के क्रियान्वयन के साथ आगे बढ़ना चाहती है जिसमें कई मौजूदा श्रम अधिकारों को या तो कमजोर किया गया है या उन्हें हटा दिया गया है ।बैठक में सरकार से श्रमिकों के सभी मौजूदा श्रम कानूनों को बहाल करने का आग्रह किया गया है। फोरम ने सरकार को आगाह किया कि यदि उनकी मांगों को नहीं माना गया तो आने वाले दिनों में आंदोलन को और तेज किया जाएगा जिसमें और राष्ट्रव्यापी बैंक हड़तालें की जाएंगी।