बिलासपुर- 15 दिन में एक बार बिलासपुर आने वाले डॉक्टर हरीश के पास अपने पूर्वजो की एक अनूठी शैली ही जो मुस्कुराते हुए मरीज का दर्द ठीक कर देते है बुजुर्ग से बुजुर्ग दर्द से कहराते किसी सहारे के सहारे आते है और दौड़ने लगते है। डॉक्टरों की गलाकाट प्रतिस्पर्धा के दौर में की दौर में कोई ऐसा डॉक्टर भी होगा ये कल्पना से परे है, सालों से रीढ़ की हड्डी और नसों की समस्या से जूझने वाले जब अपनी पीड़ा से डॉक्टर के छूने से राहत पाते है तो डॉक्टर के प्रति उनका भाव और ठीक होने के बाद चेहरे की खुशी देखने लायक होती है । बिना चिर फाड़ और वसूली के रहता देने वाले युवा डॉक्टर हरीश रजक अपने आप में जनसेवा की एक मिसाल है ,आज जंहा डॉक्टर इलाज के नाम पर मरीज को लाखों का खर्च बताते बताते इतना डराते है कि मरीज अधमरा हों जाता है ऐसे डॉक्टर हरीश के हाथ किसी संजीवनी से कम नही है , इस डॉक्टर के पास इलाज के लिए जाने के लिए कोई अप्रोच किंजरूरत नही किसी नेता अधिकारी से फीस कम करने केलिय सोर्स लगाने की जरूरत नही ये योग्य लेकिन साधारण डॉक्टर है इनके पास आने के राहत मिलने की सौ प्रतिशत और त्तकाल राहत मिलते मैने स्वंय देखा है ,ये डॉक्टर अगर सब लोगो को मिल जाये तो हेल्थ इंश्योरेंस का धंधा बंद हो जायेग ,बड़े अस्पताल की दुकानदारी बंद हो जाएगी, बिलासपुर में अगला दौरा बुधवार को होगा ऑडिटोरियम में इनसे 12 बजे के बाद मुलाकात हो सकती ।