बिलासपुर- बिलासपुर के कमिश्नर डॉ संजय अलंग की छत्तीसगढ़ की जाति जनजाति पर लिखी शोध विस्तृत शोध पुस्तक में छत्तीसगढ़ की संस्कृति सभ्यता के साथ यंहा रहने वाली हर जाति के बारे विस्तृत ब्यौरा है ये किताब प्रदेश के लिए ही नही देश के लिए भी अमूल्य धरोहर नेगी डॉ संजय अलंग की ये रिषर्च बुक छत्तीसगढ़ की आत्मा के रूप में है कमिश्नर डॉ अलंग ने इस पुस्तक में जानकारी दी है दिल्ली से लेकर देश के बाकी राज्यो के साथ लन्दन तक से जुटाई गई है ,ये रिषर्च बुक ही रिषर्च करने लायक है इस पुस्तक में हर जाति के उदगम से लेकर उसके काम के प्रभाव का गहरा अध्ययन है इस किताब में ये भी बताया गया हैंकि छत्तीसगढ़ को छत्तीसगढ़ क्यो कहा जाता है ‘ गढ़’कहने की वजह क्या है? किसी जाति को अपना इतिहास जानना है तो इससे बेहतर को रिषर्च बुक नही है,जाति जनजातियों के अदभुत संगम ये रिषर्च बुक आने वाले समय मे इतिहास की धरोहर बनने वाली है,बेहद बारीकी छत्तीसगढ़ की संस्कृति को समझाया और बताया गया है इसी किताब के एक पार्ट को जिसमे छत्तीसगढ़ के पंजाबियों के बारे विस्तार से बताया गया है उससे किताब के रूप छत्तीसगढ़ के पंजाबी समाज ने सहेजने का प्रयास कमिश्नर साहित्यकार डॉ संजय अलंग की किताब से किया गया है। कमिश्नर संजय अलंग की रिसर्च बुक कई रहस्यो के अदभुत जानकारी देती है।जो वाकई आजकल के सतही जानकारों के लिए भी बेहद उपयोगी है ,कई लेखकों ने इस रिसर्च बुक को पढ़कर किताब लिखी है,लेकिन डॉ संजय अलंग की पुस्तक किसी महाकाव्य से कम नही जो छत्तीसगढ़ की हर कड़ी को एक मे पिरोने का काम करती है ,और इस रिषर्च बुक की एक कड़ी का विमोचन पांजबी समाज ने उनके कार्यालय में किया।संभागायुक्त कार्यालय में पंजाबी समाज एवं लायंस क्लब के पदाधिकारियों ने संभागायुक्त डाॅ. संजय अलंग से मिलकर उनके द्वारा लिखी गई किताब ‘‘छत्तीसगढ़ के पंजाबी’’ के लिए उनका आभार व्यक्त किया। पंजाबी समाज बिलासपुर के अध्यक्ष जसपाल सेठी ने बताया कि संभागायुक्त डाॅ. अलंग द्वारा लिखी गई किताब ‘‘छत्तीसगढ़ के पंजाबी’’ में पंजाबी समाज की जानकारी को बेहद रोचक तरीके से व्यक्त किया गया है।
इस दौरान लायंस क्लब बिलासपुर के अध्यक्ष अरविंद दीक्षित सहित अन्य लोग मौजूद थे।