बिलासपुर-दिल्ली से 28 दिसंबर को छत्तीसगढ़ संपर्क क्रांति ट्रेन में स्पाईनल इंज्यूरी के युवक राहुल अग्रवाल जिनकी AC2 टियर में 10 व 12 नंबर की सीट थी व मदन मोहन अग्रवाल व उनके एक अन्य साथी की 7 एवं 9 नम्बर थी।व्हील चेयर पर रहने वाले राहुल ने निवेदन किया कि उसका आपरेशन हुआ है तथा कमर से नीचे का भाग सेन्सलेस है और उसे लोवर बर्थ पर रहने दे।लेकिन मदन मोहन उखड़ गए और विकलांग युवक को सीट से उठवा कर ही माने।जबकि रात 10 बजे तक तो नीचे की बर्थ दोनो की आधी-आधी ही थी।लेकिन अपनी हठधर्मिता और संकीर्ण मानसिकता के बीच अखिल भारतीय विकलांग चेतना परिषद के राष्ट्रीय पदाधिकारी की ऐसी ओछी मानसिकता को लेकर ट्रेन में भी उनकी जमकर किरकिरी हुई।जबकि अन्य दूसरे यात्रियों ने युवक को अपनी बर्थ ऑफर की।
विकलांग सेवा के नाम पर एक विकलांग के साथ सफर में उनका अमानवीय व्यवहार निंदा हो रही है,लोगो ने इस मामले में चेतना परिषद के पदाधिकारी की कड़े शब्दों में तीखी आलोचना की है।