मरीज के मौत के बाद एसपी और डीन से शिकायत, परिजन ने वार्ड ब्वाय और निजी अस्पताल पर की कार्यवाई की मांग।

– परिजन ने सिम्स के डीन और एसपी से शिकायत की
बिलासपुर। सिम्स के वार्ड ब्वाय और सुरक्षाकर्मी ने मेरी बेटी को रायपुर के सरकारी अस्पताल ले जाने का झांसा देकर निजी अस्पताल में भर्ती कराया। बेटी की हालत बिगड़ने से वहां के डॉक्टर ने फिर से सिम्स भेज दिया। जिससे बेटी की मौत गई। इलाज के नाम पर 12 लाख रुपए खर्च हुए है। जिससे मैं कर्ज में डूब गया हूं। मरीज भ्ोजने के बदले वार्ड ब्वाय और गार्ड को कमिशन के रुप में पैसा मिला है। दोनों कर्मचारी के लापरवाही के कारण मेरी बेटी की जान चली गई। दोनों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें।

मुंगेली जिला के थाना सरगांव के ग्राम चिरौरी निवासी कुसुम लहरे पति रेखचंद लहरे 23 वर्ष घरेलू काम करती थी। पिछले दो साल से अपने मयके में रहती थी। बीते 3 नवंबर को कुसुम अपने घर पर थी। पति के प्रताड़ना से परेशान होकर उन्होंने खुद पर आग लगाकर खुदकुशी का प्रयास किया। उसे गंभीर हालत में सिम्स लेकर पहुंचे। परिजन का आरोप है कि इसी दौरान सिम्स के वार्ड सुरेश तिवारी और गार्ड संजय तिवारी ने सिम्स में ठीक से इलाज नहीं होता है बोलकर परिजनों को भड़काया। फिर मरीज को रायपुर के सरकारी अस्पताल ले जाने का झांसा देकर उसे निजी अस्पताल में भर्ती कराया। वहां 26 अक्टुबर तक मरीज का इलाज चला। इसके बाद वहां के डॉक्टर ने उसे सिम्स भेज दिया। 27 अक्टुबर को कुसुम लहरे की मौत हो गई।
मृतका कुसुम लहरे के पिता रोहित घृतलहरे का कहना है कि सिम्स में ही बेटी का इलाज होता। तो उसकी जान बच सकती थी। लेकिन वार्ड ब्वाय सुरेश तिवारी और गार्ड संजय तिवारी ने मरीज को बहला फुसलाकर निजी अस्पताल भेज दिया। वहां लाखों रुपए खर्च हुए है। जिसके कारण मुझे घर व जमीन बेचना पड़ रहा है। कर्ज में डूब गया हूं। वार्ड ब्वाय और गार्ड के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।
सिम्स में भर्ती मरीज को निजी अस्पताल भेजने वाले डॉक्टर, वार्ड ब्वाय या सुरक्षा गार्ड को फीसदी कमिशन दिया जाता है, सूत्रों के मुताबिक निजी अस्पताल में मरीज भेजने वालों को कमिशन दिया जाता है।
सिम्स के मरीजों को निजी अस्पताल भेजने का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी वार्ड ब्वाय सुरेश तिवारी के खिलाफ शिकायत हो चुकी है। सिम्स प्रबंधन ने विभागीय कार्रवाई भी कर चुके हैं। उसे वार्ड से ड्यूटी हटाकर गैस प्लांट अटैच कर दिया गया। वहां भी सुरेश तिवारी ने लापरवाही बरती थी। उसके साथ वार्ड ब्वाय को लॉड्री अटैच कर दिया था। पीड़ित ने एसपी से गार्ड और बिटीआरसी हॉस्पिटल के खिलाफ मामला दर्ज। इधर बिटीआरसी के डॉक्टर साहू का कहना कि मरीज के परिवार के आपसी अनबन के चलते मेरे दिस ही नही ,ऊपर शिकायत करने चले ,जबकि मैने उधारी में इलाज मानवता के नाते कर दिया अब भी सवा लाख बकाया है ।

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