बिलासपुर- भूपेश सरकार का कामकाज आज देश भर में रोल मॉडल है ,लेकिन पीसीसी चीफ मोहन मरकाम कूटनीति के तहत काम कर रहे है ।अपनी सरकार की योजना का प्रचार करने के बजाय मोदी सरकार की महंगाई विरोधी नीति के बहाने अपनी छवि बंनाने निकले है कन्हि न कन्हि पीसीसी अध्यक्ष अपनी लाइन खींच रहे हैऔर इसमे अदृश्य सपोर्ट भी पीसीसी चीफ को मिल रहा है।पहली विधायक बने पीसीसी चीफ को बड़ी जवाबदारी मिल गई ।पिछ्ली बार कार्यकरणी की बैठक में सीएम भूपेश ने नाराजगी भी जाहिर की थी कि उनको बैठक की जानकारी नही मिलती न एजेंडे की जानकारी है।इसका मतलब साफ है कि मोहन मरकाम किसी के इससेम्पर मोहरे की तरह काम कर रहे है पीसीसी चीफ के इस तरह के काम से पार्टी को नुकसान होगा क्योंकि लोग भी समझ रहे है पार्टी हाईकमान को इस बात की जानकारी नही होगी ये नही माना का सकता कांग्रेस की लड़ाई ही कांग्रेस को बर्बाद करेगी, कॉंग्रेस हाईकमान ही लगता है कंही न कन्हि इस अपनी ही सरकार को अस्थिर करने का काम करते रहती है। जब कोई नही था तो भूपेश ने अध्यक्ष रहते लड़ाई लड़ी कार्य विपरीत परिस्थितियों में काम किया ,बीजेपी सरकार ने सताया भी लेकिन अब जब भूपेश ने अपने काम से माहौल बना दिया तो सब उंगली कटाने को तैयार है। खैर ये कहानी खत्म होने काली नही है तिफरा में ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष लक्ष्मी साहू के निवास पर पीसीसी चीफ ने जाला झाड़ू डॉट कॉम से चर्चा।में कहा कि। जिला कांग्रेस कामेटी ने विधायक के निष्कासन का प्रस्ताव भेजा है मैंने देखा नही उसमे क्या लिखा है लेकिन मैंने आइसीसी को जिला कांग्रेस कामेटी का प्रस्ताव भेज दिया है। कार्यकर्ताओं में असंतोष को नकारते हुए पीसीसी चीफ ने कहा कि कांग्रेस में लोकतंत्र है सब अपनी बात करते है बीजेपी की तरह नही है कि उनके एक नेता ने बोला और सब चुप । कांग्रेस परिवार है परिवार में विवाद होते रहता।