बिलासपुर- 15 साल सत्ता में रह कर जनता बीजेपी जनता से दूर हो गई है। आखिर 15 रहने के बाद कैसे जनता ने नकार दिया।कन्हि न कन्हि बीजेपी नेताओं के कर्म ही बीजेपी को गर्त में पहुंचाने के लिए जिम्मेदार है।कार्यकर्ता दूर हो गए अभी भी कार्यकर्ता खस्ताहाल है , कोरोना जैसी संकट की घड़ी में बृजमोहन अग्रवाल के अलावा किसी नेता ने किसी की मदद नही की ,केवल भाषण बाजी में संमय निकाल दिया ।सरकारी बाबू की तरह बीजेपी के नेता काम कर रहे है।और अनुकम्पा नियुक्ति पा रहे है।गुजरात में बीजेपी ने जो किया उससे छत्तीसगढ़ में भी कार्यकर्ताओं आशा जागी है ।छत्तीसगढ़ बीजेपी में जो थोड़ा बहुत सुधार और कार्यकर्ताओं में उम्मीद जगी है तो केवल प्रदेश प्रभारी डी पुरंदेश्वरी के कारण। प्रदेश प्रभारी डी पुरंदेश्वरी को तो इस बात का आभास भी नही होगा कि उनके थूक वाले बयान को जानबूझकर बीजेपी के मठाधीश नेताओं ने बैक डोर से कांग्रेस को ये मुद्दा पास किया।ताकि इसी बहाने प्रदेश प्रभारी पर नकेल कसी जा सके और इसी बात को मुद्दा बना कर प्रदेश प्रभारी बदलाया जा सके।पार्टी के बड़े नेताओं ने तो मामले को तूल देने के लिये सफ़ाई देने के बहाने प्रदेश भर में जबरिया प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मामले को तूल दिया ।प्रदेश प्रभारी के बयान को जितना बीजेपी के बड़े नेताओ ने मीडिया के माध्यम से उछाला उतना तो कांग्रेस ने नही उछाला ,दरअसल बड़े नेता इसी बात को मुहिम बना कर प्रदेश प्रभारी को किनारे करना चाहते थे ।लेकिन मठाधीश नेताओं की ये गोपनीय साजिश फेल हो गई। बीजेपी के ये मठाधीश नेता अभी शांत नही हुए है इनकी मुहिम अभी भी जारी है जिसकी भनक प्रदेश प्रभारी को नही है,प्रदेश बीजेपी को बचाने के लिए गुजरात मॉडल अपनाना होगा।नही तो कार्यकर्ता फिर रूठ जाएगा ।वैसे पहले प्रदेश प्रभारी को अभी अपनी सुरक्षा करना पड़ेगा वरना ये नेता फिर किसी बात को विवादित बना देंगे।
प्रदेश के मठाधीश नेता अभी भी आम आदमी से मिलते नही ,न अच्छे से बात करते है सक्षम होने के बावजूद लोगो की मदद के लिए आगे नही आते, और तो और मोदी की योजनाओं को बताने भी नही निकलते।