स्पिकमैके बिलासपुर के तत्वावधान में प्रख्यात कुचिपुड़ी कलाकार टी. रेड्डी लक्ष्मी सनिध्या का विशेष कार्यक्रम आधारशिला विद्या मंदिर में आयोजित किया गया।

संस्कृति से सशक्त होती है नारी: टी. रेड्डी लक्ष्मी

बिलासपुर,इस अवसर पर कलाकार ने अपनी अनूठी शैली और भावपूर्ण प्रस्तुति से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। शास्त्रीय परंपरा की गहराई और सौंदर्य को प्रस्तुत करते हुए उन्होंने विद्यार्थियों और श्रोताओं को भारतीय सांस्कृतिक विरासत से जोड़ने का प्रेरणादायी संदेश दिया।

कार्यक्रम के अंतर्गत आयोजित इंटरएक्टिव सत्र में विद्यार्थियों ने कलाकार से संवाद कर भारतीय शास्त्रीय कलाओं की साधना, अनुशासन और महत्व को समझाया। अपने प्रस्तुति में उन्होंने दुर्गा स्तुति, कृष्ण लीला और महाभारत के एक प्रभावशाली प्रस्तुतीकरण – द्रौपदी चीरहरण शामिल थे। उनके प्रदर्शन ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया, जिसमें कुचिपुड़ी नृत्य की गहराई, भाव और कहानी कहने की शक्ति का खूबसूरती से प्रदर्शन किया गया। उनके साथ सुश्री सौम्या (वोइलिन) , श्री विग्नेश (मृदंग) , श्री कोट्टकल (गायक) ने मिलकर लय, राग और अभिव्यक्ति का एक भावपूर्ण मिश्रण प्रस्तुत किया, जिसने छात्रों और कर्मचारियों, दोनों के लिए अनुभव को समृद्ध बनाया।

स्पिक मैके, भारतीय शास्त्रीय संगीत और संस्कृति की धरोहर को संरक्षित एवं प्रोत्साहित करने की दिशा में एक सार्थक कदम है । छत्तीसगढ़ के बहुत से शैक्षिणिक संसथान जैसे IIT रायपुर, IIM रायपुर, डॉ. सी वी रमन विश्वविद्यालय बिलासपुर , अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय बिलासपुर , चैतन्य कॉलेज पामगढ़, चोकसे कॉलेज बिलासपुर एवं स्पीक मैके के बीच अनुबंध किया गया है। इस अनुबंध स्पीक मैके छत्तीसगढ़ के प्रदेश समन्वयक श्री अजय श्रीवास्तव की अगुआई में संपन्न हुई। जिसके तहत अब संगीत, कला, संस्कृति के क्षेत्र में यह संस्थान साथ मिलकर कार्य करेंगे। इस अनुबंध के पश्चात अब भारतीय कला , संगीत और संस्कृति की धरोहर अब इन संस्थानों की साझी विरासत होगी । भारतीय संस्कृति कला और संगीत के प्रचार – प्रसार और उन्नयन में इनकी महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी ।

विद्यालय के चेयरमैन डॉ अजय श्रीवास्तव ने विशेष रूप से स्पिक मैके के कलाकारों का आभार प्रकट किया, जिन्होंने अपनी अनूठी प्रस्तुति से श्रोताओं को भारतीय शास्त्रीय संगीत और संस्कृति से जोड़ने का कार्य किया। साथ ही शिक्षकों और विद्यार्थियों के उत्साह एवं सहयोग को भी सराहा। डॉ अजय ने कहा कि ऐसे कार्यक्रम विद्यार्थियों में कला और संस्कृति के प्रति संवेदनशीलता तथा भारतीय परंपराओं के संरक्षण की भावना जागृत करते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Recommended
बिलासपुर,एक बार पूर्व सीएम रमन सिंह चुनाव के पहले बोले…
Cresta Posts Box by CP