बिलासपुर, महापौर के प्रत्याशी को लेकर पेंच फंस गया , विधायक अमर अग्रवाल और केन्द्रीय मंत्री तोखन साहू एक नाम पर सहमत है और लेकिन डिप्टी सीएम साव का अलग प्रत्याशी मामला उलझ गया है बिलासपुर से लेकर रायपुर तक महापौर का फैसला नहीं हों पाया है तीन नाम गए है अब फैसला दिल्ली में होगा, आपसी सामंजस्य नहीं होने और खींच तान के साथ वर्चस्व की लड़ाई के चलते मामला अटक गया है, कई वार्डो के प्रत्याशी की भी घोषणा वर्चस्व की लड़ाई में अटक गया है , दो दिन बचा है नामांकन को ऐसे में महापौर के प्रत्याशी का पेंच फंसने से कार्यकर्ता भी असमंजस में कार्यकर्ता भी किसी नेता को पकड़ू किसको छोड़ू की असमंजस की स्थिति में है, अमित शाह एक रहने की बात कर रहे है लेकिन नीचे स्तर पर पार्टीe घमासान चल रहा है कार्यकर्ता संतुष्ट नहीं है। उनकी सुनने वाला कोई नहीं है , क्योंकि बीजेपी में विधायक की सहमति अनिवार्य है और विधायक कार्यकर्ता मिल नहीं रहा है , वर्चस्व की लड़ाई के कारण बीजेपी कमजोर हों रही है।