बिलासपुर, झारखंड में चौथी बार आदिवासी सरकार बनेगी हेमंत सोरेन ने भाजपा को मात देकर अपनी जगह बनाई है सबसे बड़ी बात कि आदिवासियों ने तमाम मुश्किल हालात के बीच सोरेन का साथ दिया , हेमंत सोरेन चौथी बार मुख्यमंत्री बनने के साथ ही देश में एक आदिवासी नेतृत के रूप में उभरे है, विकट परिस्थित में सोरेन का साथ आदिवासियों ने दिया,इससे छत्तीसगढ़ के आदिवासी भी आदिवासी राज के लिए उत्साहित हुए बड़ा बल मिला है आदिवासियों को सोरेन सरकार बनने से , छत्तीसगढ़ के युवा आदिवासी आदिवासी हित के संरक्षण के लियर ज्यादा जागरूक है और आंदोलित भी है, प्रदेश में आदिवासी सीएम मंत्री है लेकिन इनकी पैठ समाज के अंदर पूरी तरह से संवाद की नहीं है , बहुत सारी जरूरत आदिवासी समाज की नहीं हुई ,मोदी शाह ने आदिवासियों में पैठ बनाने के लिए आदिवासी सीएम दिया मंत्री दिया लेकिन इससे समाज में एकरूपता और शांति नहीं दिख रही है सबसे ज़्यादा युवा आक्रोशित है युवा आदिवासी मंच पर लगातार बात बुलंद कर रहे है , आदिवासी नेता सामंजस्य नहीं बना पा रहे है मोदी और शाह इनको कमान दी है ताकि अपने समाज में बेहतर पकड़ बना सके लेकिन ये सामंजस्य नहीं बना पाए तो मोदी और शाह का क्या दोष। मोदी और शाह ने आदिवासी समाज में की चित्त की लेकिन उसके मुताबकी रिजल्ट नहीं है। संवादहीनता के कारण आदिवासी युवा आक्रोशित है भाजपा नेताओं को चाहिए कि आदिवासी युवा नेताओं को साधे अन्यथा युवा शक्ति को। रोक पाना मुश्किल होजाएगा।