
बिलासपुर-बीजेपी के दूसरी तीसरी लाइन के नेता इंतजार कर रहे है कि उनका भला कब होगा क्योंकि बीजेपी की प्रदेश प्रभारी बनते ही पार्टी के दूसरी तीसरी पंक्ति के नेताओ को पार्टी में स्वच्छता अभियान की उम्मीद जगी थी। प्रदेश सभी नेताओं को टास्क देकर जनता के बीच जाने का निर्देश दिया था लेकिन कोरोना के बहाने डी पुरंदेश्वरी के टास्क को बड़े नेताओं ने फेल कर दिया। पार्टी में कई अच्छे वर्कर बड़े नेताओं की मोनोपल्ली के कारण पार्टी कार्यक्रमो से बाहर है।दरअसल डी पुरंदेश्वरी को बड़े नेता जो चश्मा दिए है वो भी उसी देख रही है अगर कार्यकर्ताओं के चश्मे से देखेगी तो पार्टी में उत्साह दिखेगा नीचे का कार्यकर्ता मोदी से न ही अमित शाह से नाराज है बल्कि प्रदेश के बड़े नेता और सुस्त संगठन मंत्री की कार्यशैली से नाराज है छोटा कार्यकर्ता अगर अपने जिल्रे के बड़े नेता की शिकायत बड़े नेता से करे तो वो बड़े नेता और संगठन मंत्री उस जिल्रे के नेता को बता देते है कि फलांना कार्यकर्ता तुम्हरी शिकायत कर रहा है।फिर स्थानीय स्तर पर वो नेता उससे दुश्मनी निकालने लगता है ।और उस कार्यकर्ता को पार्टी के कार्यक्रम से धीरे धीरे बाहर करता जाता है ।इस तरह से पार्टी कमजोर होते जाती है क्योंकि उपेक्षित कार्यकर्ता घर बैठ जाता है। इस तरह के स्थानीय स्तर पर कार्यकर्ताओं की उपेक्षा के चलते बीजेपी सत्ता से बाहर हो गई है हालात अभी भी नही सुधरे है इसका मतलब साफ है एक फिर बीजेपी साफ है। डी पुरंदेश्वरी को हर जिले के नेताओं को तगड़ा होमवर्क देना होगा और नही करने वाले जी छुट्टी करनी होगी ,हालांकि बड़े नेता जमीन से गायब है इनको तुरत सस्पेंड करने की जरूरत है अन्यथा बीजेपी की नैया पार होने वाली नही है।