बिलासपुर,, महासमुंद निवासी कविता चिंचोलकर- महासमुंद में वित्त विभाग में लेखाधिकारी के पद पर पदस्थ थी। उक्त पदस्थापना के दौरान छत्तीसगढ़ शासन, वित्त विभाग, रायपुर द्वारा जिला महासमुंद से जिला कांकेर कर दिया गया। उक्त स्थानांतरण आदेश से क्षुब्ध होकर लेखाधिक अभिषेक पाण्डेय एवं देवांशी चक्रवर्ती के माध् यम से हाईकोर्ट विलासपुर के समक्ष रिट याचिका दायर कर स्थानांतरण आदेश को चुनौती दी गई। अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय एवं देवांशी चक्रवर्त ी द्वारा हाईकोर्ट के समक्ष यह तर्क प्रस्तुत किया गया कि चूंकि वर्तमान में याचिकाकर्ता की उ म्र 61 वर्ष एवं 07 (सात) माह है एवं याचिकाकर्ता दिनांक 31 जनवरी 2025 को 62 (बासठ) वर्ष की आयु पूर्ण कर सेवानिवृत्त हो जायेगी। यदि याचिकाकर्ता अपने स्थानांतरित स्थल जिला क ांकेर में ज्वाईन करती है तो उसे इस उम्र में काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ेगा, इसके साथ समस्त सेवानिवृत्ति देयक पेंशन, ग्रेच्यूटी, अव काश नगदीकरण एवं अन्य राशि प्राप्त करने में विलंब होगा। इसके साथ ही छत्तीसगढ़ शासन, सामान्य प्रशासन भाग, रायपुर द्वारा दिनांक 03.06.2015 को जारी सर्कुलर में यह प्रावधान किया गया है कि कोई महिला शासकी य कर्मचारी जिनकी उम्र 55 वर्ष के ऊपर हो चुकी है उन्हें अनुसूचित / नक्सल प्रभावित जिले में पदस् थ नहीं किया जायेगा उक्त प्रावधान के बावजूद याचिकाकर्ता का अनुसूचित/नक्सल प्रभावित जिला कांकेर में पदस्थ कर पॉलिसी दिनांक 03.06.2015 का घोर उल्लंघन किया गया। उच्च न्यायालय, बिलासपुर द्वारा उक्त रिट याचिका से सहमत होते हुए याचिकाकर्ता का जिला कांकेर या गया स्थानांतरण को निरस्त कर याचिकाकर्ता को पुनः जिला महासमुंद में पदस्थ करने का आदेश किया गया।