बिलासपुर एम एस टी नही बनने का लाइव सीन देखे यात्री की पीड़ा मैं रेलवे काउंटर में MST बनाने से रायपुर में भी मना कर दिया जबकि वहां ऐसा कोई सूचना नहीं है काउंटर में बैठी मैडम ने ए के मिंज ने काउंटर में उन लोगो को MST नही बनाने का निर्देश दिया है यह कारण बताया गया मैने उस समय चालू दोनो काउंटर में बैठी मैडम से पूछा था एक काउंटर नंबर पांच और दूसरा काउंटर विकलांग और महिला वाला दोनो ने MST नही बनाने का यही कारण बताया ,मैने इस संबंध में स्टेशन मैनेजर और मुख्य टिकिट निरीक्षक ऑफिस में भी जानकारी लेना चाहा पर किसी ने इस पर कुछ बताने में असमर्थता बताए और उक्त अधिकारी का नंबर में बात करने की बात कही मैंने उनको फोन किया जो no reply हुआ अधिकारी का नाम ए के मिंज (OBSR) और दूसरा सुदीप्ता हाजरा (DY SS Comercial )
जनहित में इसे संज्ञान ले मैं अंततः टिकट ले कर यात्रा करने को मजबूर हुआ,और रास्ते यशवंतपुर एक्सप्रेस में टी टी को सौ रूपए दिया , फिर बैठने मिला , ट्रेन में भिड़ बहुत थी सभी से टी टी ले रहे थे सबको देता देख मैंने भी दिया।
परेशानी यात्री की जिस पर रेल्वे का ध्यान नही।
छोटा मोबाइल वाला कैसे एप डाउन लोड करेगा, और पेमेंट कैसे करेगा
स्मार्ट फोन वाले के पास कभी एरर के कारण , एम एस टी सफल नहीं होता जिसे टीटी मानता नही।
स्क्रीन शॉट को टी टी नही मानता।
रेलवे चिल्हर का रोना रोती है लेकिन जिसके पास चिल्हर रहते है उसे भी काउंटर से एम एस टी नही मिलता ।
एम एस टी काउंटर से बनेगा की नही इसकी स्पष्ट सुचना काउंटर पर नही लिखी गई है।
एम एस टी नही बनने से यात्री को टिकट लेना पड़ता है , फिर ट्रेन में टी टी को देना पड़ता है, जो पैसा रेल्वे के नही टी टी की जेब में जाता है।
इधर सीपी आर ओ कश्यप का कहना जोन को डीजीटिलाइज करना है , बिलासपुर जैसे छोटे जगह में जागरूकता कार्यक्रम चलाया गया था , 50प्रतिशत लोग एप का प्रयोग कर रहे है , छोटे मोबाईल की व्यवस्था पर कुछ करते है sms के जरिए व्यावस्था बनाते है ,