बिलासपूर,सर्व आदिवासी समाज युवाप्रभाग प्रांतीय अध्यक्ष सुभाष परते ने प्रेस नोट जारी कर कहां संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा घोषित विश्व आदिवासी दिवस पूरे विश्व में मूलनिवासी समाज अपनी संस्कृति लोक कला,लोक नृत्य-संगीत, रूढ़िजन्य परंपरा, लोक साहित्य, खान पान, रहन-सहन अपने इतिहास को जीवंत रखने के लि बड़े धूमधाम से त्योहार के रूप में मनाते हैं। चूंकि छत्तीसगढ़ आदिवासी बहुल राज्य है, और यहाँ के मूलनिवासी समाज अपने इस दिवस को बड़े धूमधाम से मनाते रहे हैं। और राज्य शासन भी 2015 से शासकीय आयोजन के माध्यम से इस दिवस को मनाते आ रहे हैं। पर प्रशासन तरह-तरह के पत्र जारी कर मूलनिवासी समाज की भावनाओं को ठेस पहुंचाते हुए स्कूल शिक्षा विभाग पत्र जारी कर 9 अगस्त को पूरे छत्तीसगढ़ में पालक शिक्षक बैठक का आयोजन रखा है। इस दिवस पर आदिवासीयो के भावना को ध्यान रखते हुवे पूर्व राज्य शासन द्वारा पूर्ण छुट्टी का दर्जा दिया गया था उसे ऐक्छिक छुट्टी के रूप में प्रशासन प्रदर्शित कर रहा है ।इससे आदिवासी समाज को यह आशंका है कि यहां के बहुल आदिवासी समाज की जन भावनाओं का शासन उपेक्षा कर आदिवासी संस्कृति का उपवास उड़ाते हुए यह आदेश जानबूझकर निकाला जा रहा है। जिसमें कुछ कुंठित मानसिकता के अधिकारियों का हाथ है ऐसे अधिकारियों पर जल्द कार्रवाई कर राज्य शासन निलंबित करें । इन अधिकारियों के क्रियाकलाप से आदिवासी समाज में खूब आक्रोश फैला हुआ है, सर्व आदिवासी समाज युवा प्रभाग जल्द इस विषय को लेकर प्रदेश स्तरीय बैठक रखेगा। वह पूरे प्रदेश में ज्ञापन सौंपने के बाद मुख्यमंत्री कार्यालय घेरते हुए उग्र प्रदर्शन करेगा।