वर्दी में भी दिल है, कलीम खान ने दिखाई मानवता,मुस्लिम युवाओं के साथ हिन्दू रीति रिवाज से किया वृद्धा का अंतिम संस्कार,रोजे की ये भी इबादत है।


  • बिलासपुर। कोरोना आपदा में मानवता और भाईचारे की मिसाल भी सामने आ रही है। हिन्दू और मुसलमानों का भेद तोड़कर लोग एक-दूसरे की मदद के लिए सामने आ रहे हैं। ऐसी ही तस्वीर बिलासपुर में सामने आई है। शहर के पुराना बस स्टैंड के पास एक वृद्धा की लावारिश लाश कई घंटो तक पड़ी रही। जिसका जानकारी तारबाहर के टीआई कलिम खान को कुछ लोगो ने दी। कलिम खान ने पता किया तो मृतक वृद्धा का नाम चंदा बाई 75 वर्ष के रुप में पहचान हुआ लेकिन उसका कोई परिजन नहीं था वो पुराना बस स्टैंड के आस पास भिक्षा मांग कर अपना जीवन यापन करती थी ऐसे में टीआई कलीम खान ने तालापारा के श्ोख निजामुद्दीन (दुलारे) और उसकी टीम को दी जिसमें जुनैद अहमद, सदाब खान, जावेद जुंजानि, सहित कुछ मुस्लिम युवाओ के साथ मिल कर उर्जा पार्क राजकिशोर नगर मुक्तिधाम में हिन्दू रिती रिवाज के साथ वृद्धा का अंतिम संस्कार किया। दूलारे के टीम ने इससे पहले भी ऐसे कई वृद्धा जिनका कोई वारिश नहीं था उनका अंतिम संस्कार कराया है। टीआई सहित सभी सदस्य रोजे में थे।

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