बिलासपुर- स्मार्ट सिटी की खीर पता नही कौन खा राह लेकिन पब्लिक इतना जान रही है परेशानी उनको भुगतनी पड़ रही है ,मनमानी निर्माण कार्य स्मार्ट सिटी की पहचान बन गई गई है , नेहरु चौक का बेतरतीब और नान टेक्निकल निर्माण दुर्घटना का कारण बन गया है इस आइलैंड से आरपार नही दिखता जो नगर निगम का काम ढंग से नही कर पाते उन्ही को स्मार्ट सिटी में अधिकारी बनाया गया है ,पाथवे के नाम पर ऊपर नीचे निर्माण किया गया नाली के ढलान का पता नही है बरसात में पानी लोगो के मकान दुकान में घुस रहा है, यंहा तक अधिकारियों के घरों में घुटने तक पानी घुस गया ,नगरी प्रशासन मंत्री ने मयंक अग्रवाल नाम के ठेकेदार को 121 करोड़ का काम दिया है लेकिन इस ठेकेदार ने अभी तक काम शुरू नही किया, स्मार्ट सिटी ने जो नाली बनाई है उसमें जनता के पैसे की बरबादी के अलावा कुछ नही लंबे समय से निगम कमिश्नर अजय त्रिपाठी भी कुछ नही कर पाए है क्या ऊनको नेहरू चौक का घटिया और पैसे की बरबादी वाला काम दिखाई नही देता ,कलेक्टर को आये भी बीस दिन से ज्यादा हो गए रोज नेहरू चौक से गुजर रहे है उनको भी घटिया और नेहरू चौक का नान टेक्निकल काम नजर नही आया सीएम बघेल कितना भी अच्छा करने किंसोचे लेकिन अधिकारी उनकी सोच के अनुरूप काम नही कर रहे है ये अधिकारी ही सरकार की कथनी और करनी में फर्क कर रहे है , कलेक्टर और स्मार्ट सिटी के अध्यक्ष सौरभ कुमार फोन नही उठाते अच्छा करने के मंशा जताते है लेकिन दिख नही रहा है ,चुनाव को अभी डेढ़ साल बचा है स्मार्ट सिटी की लापरवाही बंद नही हुई तो इसके जिम्मेदार नगरी प्रशासन मंत्री और जिल्रे के कलेक्टर होंगे ,हम वो बात लिख रहे जो आम व्यक्ति कर रहा है,ऐसी कमरे में बैठे मंत्री एयर अधिकारियों तक ये बात जाती नही जनता के पैसे का दुरुपयोग करने का अधिकार बीजेपी सरकार ने किया सत्ता चले गई ,जनता के आक्रोश को जिल्रे के अधिकारी समझ नही रहे है और अपना कामभी नही कर रहे है , एक समस्या के लिए अधिकारियों को दस बार बातया जा रहा है लेकिन वही ढर्रा देख रहे है ,करवाता हु ,आज मीटिंग थी कल देखते यही चल रहा है ,जनता के8 बहुत छोटी छोटी समस्या होती हैं कोई भारतीय रेल नही मांगता प्रशासन से अगर वो भी नही सुनी जाएगी तो आक्रोश स्वाभाविक है। ठेकेदार मयंक अग्रवाल ने 121 करोड़ का काम ले लिया लेकिन काम नही कर रहा है ,रायपुर में चर्चा है कि ठेकेदार को काम नहीं करने का आशीर्वाद मिला हुआ है ।