बिलासपुर- सितम्बर 2021 . राज्य में सूबेदार , सब इन्सपेक्टर एवं प्लाटून कमाण्डर के रिक्त 975 पदों पर भर्ती हेतु विज्ञापन जारी कर योग्य उम्मीदवारों से आवेदन पत्र आमंत्रित किये गए । उक्त भर्ती परीक्षा में पुरुष उम्मीदवारों की न्यूनतम उँचाई का मापदण्ड 168 से.मी. निर्धारित किया गया । ग्राम – जमड़ी , पोस्ट – मालदा , तहसील- जैजैपुर , जिला – जांजगीर – चाम्पा निवासी लकेश कुमार द्वारा उक्त भर्ती परीक्षा हेतु ऑनलाईन आवेदन जमा किया गया , परन्तु दिनांक 14 जून 2022 को शारीरिक नापजोख के दौरान भर्ती कमेटी द्वारा उसे इस आधार पर अयोग्य घोषित कर दिया गया कि उसकी उंचाई 168 से.मी. से कम है । भर्ती कमेटी द्वारा लिये गये निर्णय से क्षुब्ध होकर लकेश कुमार द्वारा हाईकोर्ट अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय एवं घनश्याम शर्मा के माध्यम से हाईकोर्ट बिलासपुर के समक्ष रिट याचिका दायर की गई । अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय एवं घनश्याम शर्मा द्वारा हाईकोर्ट के समक्ष यह तर्क प्रस्तुत किया गया कि पूर्व में वर्ष 2018 में आवेदक द्वारा छ.ग. जिला पुलिस बल , छ.ग. सशस्त्र बल एवं पुलिस दूरसंचार बल द्वारा जारी तीन अलग अलग विज्ञापनों में आवेदन जमा किया गया था , उक्त भर्ती परीक्षा में न्युनतम उँचाई 168 से.मी. निर्धारित की गई थी । तीनों भर्ती परीक्षाओं में आई.पी.एस. अधिकारी की कमेटी द्वारा याचिकाकर्ता की उंचाई 168 से.मी. से अधिक होने पर उसे नापजोख परीक्षा में पास किया गया था परन्तु चार ( 04 ) वर्ष बीतने के पश्चात् किसी व्यक्ति की शरीर की उंचाई कैसे कम हो सकती है । उच्च न्यायालय , बिलासपुर द्वारा उक्त रिट याचिका की सुनवाई के पश्चात् रिट याचिका को स्वीकार कर छ.ग. पुलिस कार्यपालिक ( अराजपत्रित ) सेवा भर्ती नियम , 2021 के नियम 6 उप नियम 10 के तहत् याचिकाकर्ता को पुनः चीफ मेडिकल ऑफिसर के समक्ष उपस्थित होने एवं उनके द्वारा पुनः लंबाई की जांच करने का आदेश दिया गया । दिनांक 15 जुलाई 2022 को याचिकाकर्ता भर्ती कमेटी के साथ चीफ मेडिकल ऑफिसर , बिलासपुर के समक्ष उपस्थित हुआ एवं उनके द्वारा याचिकाकर्ता की लंबाई के नाप के पश्चात् याचिकाकर्ता की लंबाई 168 से.मी. से अधिक पाते हुए उसे योग्य घोषित कर दिया गया ।