मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की महत्वकांक्षी योजना “डॉ. बी. आर. अम्बेडकर सर्वसमाज मांगलिक भवन” के निर्माण का रास्ता साफ प्रियदर्शनी गृह निर्माण की याचिका हाईकोर्ट ने की खारिज ।

बिलासपुर / रायपुर | प्रदेश सरकार की महत्वकांक्षी योजनाओं में से एक “डॉ. बी. आर. अम्बेडकर सर्वसमाज मांगलिक भवन” के निर्माण की प्रक्रिया नगरीय निकाय प्रशासन के द्वारा प्रत्येक नगर निगम क्षेत्र में चल रही है। इसी दौरान प्रियदर्शनी गृह निर्माण सहकारी समिति मर्यादित के द्वारा उच्च न्यायालय में याचिका प्रस्तुत कर बताया गया कि “डॉ. बी. आर. अम्बेडकर सर्वसमाज मांगलिक भवन जो नगर पालिक निगम रायपुर के द्वारा एजेंसी के तौर पर तैयार किया जा रहा है। जिस भूमि पर निर्माण कार्य किया जा रहा है वह भूमि उद्यान हेतु आरक्षित है तथा निर्माण हेतु प्रक्रियागत स्वीकृति भी प्राप्त नहीं किया गया है, बल्कि मुख्यमंत्री द्वारा घोषणा करने के तुरंत बाद उद्यान हेतु आरक्षित भूमि पर “डॉ. बी. आर. अम्बेडकर सर्वसमाज मांगलिक भवन का निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया गया था। उक्त याचिका में प्रियदर्शनी गृह निर्माण सहकारी समिति मर्यादित के द्वारा उच्च न्यायालय से “डॉ. बी. आर. अम्बेडकर सर्वसमाज मांगलिक भवन” के निर्माण पर स्थगन प्राप्त कर लिया गया था। नगर पालिक निगम रायपुर के तरफ से अधिवक्ता संदीप दुबे ने जवाब प्रस्तुत किया एक स्थगन हटाने की मांग की। उक्त प्रकरण अंतिम सुनवाई हेतु जस्टिस आर.सी. एस. सामंत के बेंच में हुई जिसमें नगर पालिक निगम के अधिवक्ता संदीप दुबे के द्वारा बताया गया कि “डॉ. बी. आर. अम्बेडकर सर्वसमाज मांगलिक भवन” का निर्माण पूरे प्रदेश के नगरिय क्षेत्रों में जनहित के लिए हो रहा है जिसका उपयोग प्रत्येक वर्ग के लोक कर सकेंगे साथ ही साथ “डॉ. बी. आर. अम्बेडकर सर्वसमाज मांगलिक भवन का निर्माण पूरे विधिवत् तरिके से रायपुर विकास प्राधिकरण की भूमि पर हो रहा है। साथ ही साथ यह भी बताया कि प्रियदर्शनी गृह निर्माण सहकारी समिति मर्यादित को इस संदर्भ में याचिका प्रस्तुत करने का कोई अधिकार नहीं है, यह निर्माण जनहित के लिए हो रहा है। गुरूघासी दास सहकारी समिति मर्यादित के वरिष्ठ सदस्य के.पी. खाण्डे के तरफ से अधिवक्ता राजेश केशरवानी एवं सुशोभित सिंह के द्वारा बताया गया कि ‘डॉ. बी. आर. अम्बेडकर सर्वसमाज मांगलिक भवन का निर्माण पूरे नियम के अनुसार किया जा रहा है और याचिकाकर्ता को इस कार्य में हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं है, और प्रियदर्शनी गृह निर्माण सहकारी समिति मर्यादित के पास बीस-बीस हजार वर्गफुट के दो उद्यान है बावजूद तथ्य को छुपाते हुए प्रियदर्शनी गृह निर्माण सहकारी समिति मर्यादित द्वारा यह बताया गया कि जिस भूमि पर “डॉ. बी. आर. अम्बेडकर सर्वसमाज मांगलिक भवन का निर्माण हो रहा है यह भूमि उद्यान हेतु आरक्षित है जिसका उपयोग वहां के लोग करते थे। उक्त याचिका को आदेश हेतु सुरक्षित रखा गया था जिसमें दिनांक 23 मार्च को माननीय न्यायमूर्ति श्री आर. सी. एस. सामंत के द्वारा आदेश करते हुए यह कहा गया कि राज्य शासन द्वारा “डॉ. बी आर अम्बेडकर सर्वसमाज मांगलिक भवन का बनाया जाना जनहित में है और जनहित के कार्यों पर किसी भी प्रकार से हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए. साथ ही साथ यह भी कहा कि याचिकाकर्ता इस तथ्य को साबित करने में असफल रहे कि जिस भूमि पर निर्माण कार्य हो रहा है वह भूमि उद्यान की है, और खचिका को खारिज कर दिये। इस प्रकार राज्य शासन द्वारा पूरे प्रदेश में डॉ. बी. आर. अम्बेडकर सर्वसमाज मांगलिक भवन के निर्माण का रास्ता प्रशस्थ हुआ।

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