बिलासपुर- आज देश मे कई राज्यो क्षेत्रीय पार्टी राज कर रही है केंद्र और राज्य में बन नही रही ।पंचायती राज सत्ता का विकेंद्रीकरण ही है जैसे गांव में पंचायती राज से कुछ हद तक गांव आत्मनिर्भर हुए ।उसी तरह प्रदेश में भी एक सशक्त क्षेत्रीय दल की आवश्यकता है ।ज्यादातर लोगों इस बात से सहमत है ।लेकिन सार्थक प्रयास नही हो पाया है। सत्ता में तानाशाही से बिखराव होता है ।जिसको संभालना मुश्किल होता है आम आदमी सरकार से रोजी रोटी के साथ मूलभूत सुविधा चाहता है प्रदेश के आम आदमी को राजनीति से परे नेताओं का आंकलन करना चाहिये ।दो गले और दो चेहरे वाले नेताओं खासका चाहिए ।क्योंकि राजनीतिक दोगलेपन से आम आदमी का ही नुकसान होता है ।सत्ता में रहने पर कोई नेता जायद मजबूत हो जाता है तो थोड़ा बहुत ऊपर नीचे करने लगता है इतना चल भी जाता है लेकिन आतंकी नही होना चाहिए ।इससे राजनीतिक अस्थिरता के साथ आम आदमी का भी नुकसान होता है। क्योंकि अच्छा राजनीतिक नेतृत्व भी जरूरी है। सब बताने वाला और सबकी सुनने वाला नेता ही छत्तीसगढ़ का भला कर सकता है इसके लिए निहित स्वार्थ को छोड़कर सलवा जुडूम जरूरी है।
