बिलासपुर-राजीव भवन से सरकार का भाजपाइयों पर हमला, गिनाई सरकार की उपलब्धि।
मंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि कोरोना काल से लगभग तीन साल की इस हुकूमत में डेढ़ साल से दो साल कोरोना में निकल गया, देश में भी निकल गया। पूरे हिन्दुस्तान में देखा कि कितने लोगों की रोजी-रोटी की रोजगार देश में छिन लिया गया। पिछले कोरोना 2 में रोजगार के अभाव में कितनों पलायन हुये और घर वापसी के दौरान कितने मजदूरों की सड़कों में मौत हुई। लेकिन दुर्भाग्य भारतीय जनता पार्टी के किसी नेता ने इस पर कोई बात नहीं कही। दुर्भाग्य इससे भी ज्यादा कि प्रधानमंत्री जी देश के प्रधानमंत्री है उनके नाते मैं बहुत सम्मान करता हूं। नरेंद्र भाई दामोदर दास मोदी लेकिन रोजगार के अभाव में जो मौत हुई उसके बारे में एक शब्द भी मीडिया के माध्यम से सहानुभूति के इस देश ने नहीं सुना। उसके बाद भी छत्तीसगढ़ के रोजगार के बारे में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह जी ने ट्वीट किया था, कोई टिप्पणी की थी वही लगातार बहस का मुद्दा बना। भारतीय जनता पार्टी ने 2 करोड़ युवाओं को नौकरी देने का वायदा किया था प्रतिवर्ष। किन्तु 5 साल पूरा होने के बाद मोदी जी ने अपनी बातों में कहा था वो 2 करोड़ की गिनती में आटो मोबाईल सेक्टर में आटोरिक्शा 4 व्हील ट्रक, छोटी गाड़ी की बिक्री करते हुये कहा था 1-1 गाड़ी में 2-2, 3-3 लोगों को नौकरी दी है उसको रोजगार मिला है। उसको भी जोड़कर करके 2 करोड़ रोजगार देने की कोशिश किये थे। मैं जो आज आंकड़े दूंगा वो छत्तीसगढ़ के ऑटो मोबाइल की कितनी बिक्री हुये उसमें कितने लोग रोजगार प्राप्त किये है तो कृपा करके नरेन्द्र मोदी के आंकड़ों से हमारी आंकड़ों की तुलना न करिएगा।
मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया ने कहा कि भाजपा के पास न कोई मुद्दा है न कोई विजन है इसलिए इस तरीके से अनर्गल आरोप लगाते रहते है। रमन सिंह बीच-बीच में बोलते रहते है और इनके जो सनसनी फैलाने वाले दो तीन मित्र और है आदरणीय झूठ बोल कर गलत बयानबाजी कर सनसनी फैलाकर जनता को धोखा देने का काम करते है। रमन सिंह ने जो ट्वीट किया वो खुद ही वापस ले लिया है और वो सरकार के काम से वो खुद संतुष्ठ हो गये है। बृजमोहन अग्रवाल और अजय चंद्राकर इस तरीके से सनसनी बयान देते है जो कभी साबित भी नहीं कर पाते। हमारे सरकार में आकड़े आपको बता दिये है 5 लाख से ज्यादा रोजगार का सृजन हमारे सरकार का हुआ है। आने वाले दो सालों में और रोजगार देंगे। इनके केन्द्र की सरकार ने 2 करोड़ नौकरियां प्रत्येक साल देंगे।
संसदीय सचिव एवं विधायक विकास उपाध्याय ने कहा कि युवाओं लोगों के लिये सबसे बड़ा योगदान इस सरकार का रहा भूपेश बघेल सरकार, कांग्रेस की सरकार का रहा। 5 लाख से अधिक रोजगार मिले है
ऽ डॉ.रमन सिंह ने हमारी सरकार के द्वारा दिये गये रोजगार के आंकड़ों को ट्वीट किया था, उसके लिए हम उन्हें साधुवाद देता हूॅ।
ऽ फिर किसी दबाव में आकर उन्होंने अपना ट्वीट डिलीट कर दिया। इस बारे में हम सिर्फ यह कहना चाहते हैं कि आपने अपने भाजपा के नेताओं और कार्यकर्ताओं को इसी बहाने युवाओं के बारे में कुछ सोचने और कुछ कहने का मौका तो दिया।
ऽ सेंटर फार मानीटरिंग इंडियन इकॉनामी के ताजा आंकड़े हाल ही में जारी हुए हैं जिसके अनुसार छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी की दर 2.1 प्रतिशत है। जबकि इसी दौरान भारत में बेरोजगारों की दर 7.9 प्रतिशत है।
ऽ इन सब आंकड़ों को लेकर कल भाजपा के लोग बड़ी हास्यास्पद बातें कर रहे थे।
ऽ हम उनसे सिर्फ दो सवाल करना चाहते है पहला यह कि क्या आप CMIE के आंकड़ों को झूठा कहना चाहते हैं।
ऽ और अगर CMIE के आंकड़े सही है तो छत्तीसगढ़ में रोजगार के आंकड़े कैसे गलत हो सकते हैं।
ऽ मैं बताना चाहता हॅू कि छत्तीसगढ़ में जब भाजपा सरकार का आखरी साल चल रहा था तब बेरोजगारी दर 22.2 प्रतिशत थी।
ऽ हमारी सरकार आने के बाद बेरोजगारी दर कम होते होते अब 1.8 प्रतिशत से लेकर 3.8 प्रतिशत तक चल रही है।
ऽ इसमें भी खास बात यह है कि पिछली तिमाही में जब छत्तीसगढ़ की बेरोजगारी दर 3.8 प्रतिशत थी तब भारत की बेरोजगारी दर 7.6 प्रतिशत थी, और अभी जब हमारी बेरोजगारी दर कम होकर 2.1 प्रतिशत आई है तब भारत की बेरोजगारी दर बढ़ कर 7.9 प्रतिशत हुई है।
ऽ जहां तक मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में हमारी सरकार जो काम कर रही है उससे रोजगार के अवसर कैसे बढ़े यह समझना है तो आपको सिर्फ शहरों ही नहीं बल्कि गांवों और जंगलों में जाकर देखना पड़ेगा।
ऽ पहले नौकरियों की बात कर लेते हैं। यह नौकरियां भी सिर्फ राजधानी या बड़े शहरों में ही नहीं दी गई बल्कि विकास खण्डों और पंचायत स्तर तक पहुंची हैं।
ऽ राज्य गठन के बाद पहली बार स्कूलों के लिए स्थायी शिक्षकों की भर्ती की बात हमने की। 14 हजार 580 शिक्षक-शिक्षिकाओं की वैकेंसी निकाली और भर्ती की प्रक्रिया पूरी की। अब कुछ कारणों से कुछ लोगों ने ज्वाइन नहीं किया होगा तो इसका यह मतलब नहीं कि इस पूरी भावना, पूरी प्रक्रिया को ही खारिज कर देंगे।
ऽ इसी तरह कॉलेजों में स्थाई प्राध्यापक,खेल शिक्षक, ग्रंथपाल आदि की भर्ती भी राज्य गठन के बाद पहली बार की गई।
ऽ हमने जनता से जुड़े बड़े विभागों जैसे-शिक्षा, बिजली, स्वास्थ्य, पुलिस, राजस्व, सिंचाई, खाद्य हर विभाग में जितने हो सकते थे उतने पद निकाले और जिस तरह से संभव हुआ उस तरह से भर्ती की।
ऽ अनुकम्पा नियुक्ति के लिए तो हमने नियमों को भी शिथिल किया और 3300 लोगों को स्थाई नौकरी देने का इंतजाम किया।
ऽ हमने सुना है कि ढाई लाख अनियमित कर्मियों की भर्ती को लेकर, लगभग डेढ़ लाख लोगों के नियमितीकरण के आंकड़ों को लेकर भाजपा को बहुत आपत्ति है।
ऽ हम पूछना चाहते हैं कि जिन विभागों, मण्डलों, निगमों, निकायों तथा अन्य संस्थाओं में स्थायी भर्ती के पद नहीं है। वहां यदि प्लेसमेंट या किसी अन्य माध्यम से युवाओं को काम करने, अनुभव हासिल करने, बेहतर वेतन पाने का अवसर मिल रहा है तो इसमें क्या बुराई है।
ऽ जिन कर्मियों का नियमितीकरण होता है, उन्हें नियमित वेतनमान, अवकाश,स्थानांतरण जैसे अनेक सुविधाएं मिलने लगती हैं। यह पैसा भी सरकार के खजाने से ही जाता है।
ऽ प्रदेश में उद्योगों के विकास की जो नीति बनाई गई है, जो सुविधाएं दी गई है, उसके कारण तीन साल में 32 हजार लोगों को रोजगार मिला है। और 90 हजार नौकरियों की संभावनाएं बनी है।
ऽ इसी तरह व्यापार, व्यवसाय और छोटे करोबार के लिए जो सुविधाएं दी गई हैं उससे बड़े पैमाने पर युवाओं को रोजगार मिला है। उदाहरण के लिए बताना चाहता हॅू कि गुमास्ता लाइसेंस के हर साल नवीनीकरण से मुक्ति, परिवहन व्यवसाय के लंबित करों के लिए वन टाईंम सेटलमेंट के तहत तीन सौ करोड़ रूपए की राहत । संकटग्रस्त उद्योगों को विद्युत शुल्क में रियायत। ऐसे अनेक उपाय किए गए हैं जिससे हर क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़े हैं।
ऽ गुड गवर्नेंन्स, राज्य में सांप्रदायिक सद्भाव व शांति और व्यवस्था के उपायों से छत्तीसगढ़ में रोजगार के नए-नए अवसर पैदा हुए।
ऽ हम तो यह कहते हैं कि आप साढ़े चार-पांच लाख के आंकडों पर ही मत अटकिए बल्कि आगे-आगे देखिए अभी बहुत कुछ होना बाकी है।
ऽ अभी चार रोज पहले ही मुख्यमंत्री जी ने जलसंसाधन विभाग में 400 सब इंजीनियरों की भर्ती की घोषणा की है।
ऽ पांच नये जिले बनाएं है। जिसमें से अभी तो एक अस्तित्व में आया है। 04 जिले, 04 अनुभाग, 72 तहसील, इसमें भी बहुत बड़े पैमाने पर भर्ती होना बाकी है।
ऽ 171 स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम शाला खुल चुकी हैं। हिन्दी वाली भी खुलेंगी। इन सब में भी बड़े पैमाने पर शिक्षकों की भर्ती, आज नहीं तो कल होना ही है।
ऽ आदिवासी अंचलों में कनिष्ठ सेवा चयन बोर्ड का गठन किया गया है और इसके माध्यम से भी भर्ती की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
ऽ हम कहना चाहते हैं कि रमन सिंह जी की भाजपा सरकार ने युवाओं को रोजगार देने के सारे अवसरों को रोककर रखा था। जिसे हमने पूरी तरह से खोल दिया है। और इसी का नतीजा है कि छत्तीसगढ़ में सरकारी नौकरियों का बूम आया है।
ऽ हम यह नहीं कहते है कि रोजगार के लिए सिर्फ सरकारी नौकरियां ही काफी हैं। इसलिए हमने सभी विभागों के कामकाज और जमीनी अवसरों को रोजगार से जोड़ दिया है।
ऽ नरवा-गरूवा-घुरूवा-बारी, सुराजी गांव योजना, गोधन न्याय योजना, 07 से बढ़ाकर 52 लघुवनोपजों की खरीदी, वन अधिकार पट्टे से खेती और अन्य रोजगार के अवसर। इन सब को भी देखना पड़ेगा।
ऽ धान बेचने वाले पंजीकृत किसानों की संख्या 15 लाख से बढ़कर 24 लाख हो गई है।
ऽ 13 लाख तेंदूपत्ता संग्राहक।
ऽ 14 लाख लोगों को वन के विभिन्न कामों से रोजगार।
ऽ 25 लाख लोगों को मनरेगा में काम।
ऽ 19 लाख लोगों को इंदिरा वन मितान योजना से लाभ।
ऽ वनोपज संग्रह से लेकर डेयरी विकास तक में महिला स्व सहायता समूहों का योगदान ।
ऽ गोधन न्याय योजना में ही 1 लाख से अधिक लोगों को रोजगार।
ऽ किसानों की जेब में 80हजार करोड़ रूपए डालने से ग्रामीण अर्थव्यवस्था का सशक्तीकरण और उससे शहरों में भी लाभ ।
ऽ कोरोना संकट के दौरान भी छत्तीसगढ़ के बाजारों में रौनक, सराफा, आटो मोबाइल, कपड़ा आदि की जबरदस्त बिक्री ।
ऽ छोटे प्लाट की खरीदी बिक्री चालू होने, गाइडलाइन दरों में 30 प्रतिशत की कटौती, महिलाओं के नाम पर पंजीयन में 2 प्रतिशत की छूट, हाफ बिजली बिल योजना, किसानों और महिला समूहों की कर्ज माफी, ई श्रेणी पंजीयन योजना में 5 हजार से अधिक युवाओं का पंजीयन और उन्हें 200 करोड़ रूपए के निर्माण कार्य का आबंटन जैसे उपायों से लोगों की क्रय शक्ति ही नहीं बढ़ी बल्कि वे स्वालंबन की तरफ बढ़े हैं। और अपने लिए स्वयं रोजगार के नये अवसर बना रहे हैं।
ऽ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत स्व सहायता समूह से जुड़े करीब 22लाख सदस्य अलग-अलग रोजगार से जुड़े हैं।
भाजपाई किस मुंह से रोजगार के आंकड़े पूछ रहे हैं –
ऽ हम तो रमन सिंह और उनकी पार्टी से, उनकी केन्द्र सरकार से, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी सवाल करना चाहते हैं, कि आप किस मुंह से बेरोजगारी पर सवाल उठा रहे हैं।
ऽ कांग्रेस ने आजादी से लेकर जिस तरह देश की एक-एक संस्था को खड़ा किया, सार्वजनिक उपक्रमों को फायदे में लाया।
ऽ रेल से लेकर सेल तक, सड़क से लेकर हवाई परिवहन तक, हरित क्रांति से लेकर सूचना क्रांति तक, हर क्षेत्र में भारत को शिखर तक पहुंचाने का काम कांग्रेस ने किया था और आपकी पार्टी की मोदी सरकार इन सारी चीजों को बेच रही है।
ऽ हम गरीबों, किसानों, युवाओं, महिलाओं की जेब में पैसे डाल रहे हैं और आपकी केन्द्र सरकार नोट बंदी, जीएसटी, लॉकडाउन जैसे हथकंडे अपनाकर लोगों की बचत की राशि छीन रही है।
ऽ जीवन बीमा, एयर इंडिया, बीएसएनएल को हमने भारत के स्वाभिमान का प्रतीक बनाया था। आप तो अपने चंद दोस्तों की भलाई के लिए सारी संस्थाएं बेच रहे हैं।
ऽ 15 साल छत्तीसगढ़ में राज करते समय आपको कभी नहीं सूझा कि युवाओं को सरकारी नौकरी, बेहतर आमदनी, किसानों को स्वावलंबन, महिलाओं को स्वाभिमान कैसे दिया जाता है। तब तो आप पंचायत के पैसे से मोबाइल टावर लगा रहे थे, और डीएमएफ के पैसे से स्वीमिंग पूल बनवा रहे थे।
ऽ हम बताना चाहते हैं कि भूपेश बघेल के नेतृत्व में हमारी कांग्रेस सरकार ने सरकार का खजाना नौकरी, रोजगार, स्वरोजगार, स्वालंबन, छत्तीसगढ़िया स्वाभिमान के लिए खोला है। यही वजह है कि हमारे युवाओं को नए-नए अवसर मिल रहे हैं।
ऽ आप ट्वीट करो, चाहे हटाओ,
आप आंकड़े जोड़ो, चाहे घटाओ
हमें इससे कोई फर्क नहीं पड़ता ।
ऽ वैसे भी आप लोगों के पास अब कुछ करने को बचा नहीं है।
ऽ हम रोजगार और समृद्धि के आंकड़े बढ़ाते जाएंगे।
पत्रकारवार्ता में प्रभारी महामंत्री द्वय चंद्रशेखर शुक्ला, रविघोष, प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला, अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष महेन्द्र छाबड़ा, प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर, घनश्याम राजू तिवारी, नितिन भंसाली, सुरेन्द्र वर्मा, उपस्थित थे।