जुगरु अवस्थी की आत्मा को थोड़ी शांति मिलेगी, स्वास्थ मंन्त्री ने डीन को लगया ठिकाने। फिर भी प्रशासक बैठाने की जरूरत।

बिलासपुर- सम्भाग के सबसे बड़े अस्पताल सिम्स में थोड़ी सी लापरवाही और विवाद ने जुगरू अवस्थी की जान ले ली यंहा डॉक्टरों की नेतागिरी स्वास्थ विभाग और भारी पड़ रही है।पंकज सिंह जिस जुगरू अवस्थी के इलाज के लिये लड़ा वो नही बच पाए ।सिम्स फर्जी भर्ती का मामला अभी चल रहा है ,मरीजो को आफत में डाल कर कर्मी अपनी मांग पूरी करने में लगे है इसका कोई हल स्वास्थ विभाग नही निकाल पा रहा है।भारी भरकम खर्च के बाद सिम्स की व्यवस्था नही सुधर रही है। जुगरु अवस्थी को संमय पर इलाज मिल जाता तो शायद जीवन बच जाता लेकिन इस पर नेताओं ने अपनी रोटी सेक ली ,स्वास्थ मंन्त्री को जो कदम पहले उठाना था को बाद में उठाये पहले उठाते तो शायद एक जीवन बच जाता ।डीन तृप्ति नगरीय को बाबा ने रुक्सत कर दिया उनकी जहर पर के के सहारे को बैठाया है।एमएस का प्रभार नीरज सेन्डे को दिया है बीपी सिंह को जगदलपुर की सैर कराई है। इतने से काम नही चलने वाला निचले स्तर के कर्मियों भी देखना होगा जो छोटे फायदे के लिए मरीजो तकलीफ में डालते है। दरअसल सिम्स में एक सीईओ की जरूरत है ।डॉक्टर मरीज देखे उर सीईओ अस्पताल की व्यवस्था तब कंही जाकर सिम्स की व्यवस्था सुधरेगी। किसी का जीवन बचाने से बड़ा पुण्य कर्म कुछ नही इसलिए स्वास्थ मंन्त्री को को इसकी सतत निगरानी करनी होगी और जनता को तकलीफ देने वालो की छुट्टी करनी होगी क्योंकि जनता ने जनप्रतिनिधि चुना इस लिए,पोलाइट बाबा को थोड़ा कड़ा बनना पड़ेगा वरना उनकी छवि पर असर पड़ रहाहै।

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