शहर विधायक शैलेश पांडे ने बिल्हा का मुवायजा मामला सदन में उठाया ।

बिलासपुर- बिल्हा तहसील के धौराभाठा पहन . 13 के अंतर्गत पुरले = जिसका खसरा न . 599 रकबा 881 एकड़ है , जिसका विवरण मिसल बंदोबस्त 1928-25 वाजिद – उल – अजे पर दर्ज है , जो कि राजस्व प्रकरण क्रमांक 1155 / 9-71 / 1964-65 शासन के द्ध प्रकरण में पुन आदेश दिनाक 25 जून 1968 को भू – स्वामी के पक्ष में दर्ज कर देशित कर दिया गया । उसके उपरांत उसी वक्त शासन के राजस्व अभिलेखों में स्वामी नाम अंकित हो जाना था . किन्तु ऐसा नहीं किया गया एवं तालाब शासन के नाम से ही बता रहा । इसी बीच 1990 के लगभग शासन द्वारा स्वामी की अनुमति के दिन उस लाद को भूमि में परिवर्तित कर शासकीय पूर्व माध्य शाला भवन का निर्माण कर दिया गया = उसकी जानकारी भूस्वामी को हुई तो , उसने सभी दस्तावेजों के साथ न्यायालय तहसीलदार ल्हा के समक्ष प्रकरण क्रमांक -6 ( 31 / 2001-02 वास्ते भूमि को नामांतरित करने हेतु गाया । जिस पर तहसीलदार बिल्हा के आदेश पर दिनांक 29/04/2002 को खसरा न . 59 / 28.50 एकड भू स्वामी वगैरह एवं 59911 शासन के नाम पर दर्ज कर शासन के नाम पर 59/1 की भूमि 037 एकड़ भू – स्वामी की सहमति से चूंकि पूर्व माध्य शाला बना दी थी . सलिए शासन के पक्ष में त्याग कर दिया गया है ऐसा लिखा दिया गया । शेष भूमि 8.50 कड़ भूमि को भू – स्वामी के नाम चटा दिया गया । सन् 2009 में शासन द्वारा भू – स्वामी मसे दर्ज भूमि खसरा न . 599/2 में पूर्व मा . शाला अतिरिक्त कक्ष का निर्माण कर दिया या । जिसके संबंध में भू – स्वामी ने अतिरिक्त कलेक्टर के न्यायालय में आपत्ति दर्ज की । करण में दिनांक 24/06/2015 को राजस्व संभाग आयुक्त ने मुआवजा प्रदान करने का आदेश रित किया . भू – स्वामी की अनुमति के बगैर शासन द्वारा भूमि अधिग्रहण की जबरन कार्यवाही गयी पश्चात् वरिष्ठ अधिकारियों के दवारा पारित स्पष्ट आदेश को भी नहीं माना गया , तथा स्वामी को आज तक कोई मुआवजा पारित नहीं किये जाने से जनता में शासन के विरुद्ध रोष चं आक्रोश व्याप्त है ।

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