धारदार हथियार से पहुंचाई गई चोट की प्रकृति के आधार पर लगता है आर्म्स एक्ट, जिले में अबतक 166नग चाकू जप्त।

एक जानकारी जो आर्म्स एक्ट की कार्यवाहियों से संबंधित है जिसमे पुलिस कार्यवाही करती है जो आम जनों और सभी के लिए जो पीड़ित है वे रिपोर्ट करते है ।

आर्म्स एक्ट का उद्देश्य हथियारों के अवैध उपयोग और व्यापार को नियंत्रित करना और समाज में सुरक्षा बनाए रखना है।
आर्म्स एक्ट की परिभाषा में तलवार ,बटनदार, चाकू एवं ऐसे हथियार जिसके फल की लंबाई 6″ चौड़ाई 2″ इंच से अधिक हो आते है।
अपराधियों द्वारा बटन दार चाकू, तलवार, एवं आर्म्स एक्ट के परिधि में आने वाले समस्त धारदार हथियार से किसी व्यक्ति को उपहति किया जाए तब पुलिस द्वारा बीएनएस एवं आर्म्स एक्ट के सुसंगत धाराओं के तहत मामला दर्ज किया जाता है।
जिन मामलों में आहत को आए चोट घरेलू चाकू, नुकीली वस्तु, पेचकस , कुल्हाड़ी अथवा आर्म्स एक्ट के परिधि में नही आने वाले धारदार हथियार से चोट पहुंचाईजाती है तब चोट की प्रकृति के अनुसार बीएनएस के सुसंगत धाराओं में मामला दर्ज किया जाता है ।
बिलासपुर जिले में अभी तक कुल —- चाकूबाजी की घटनाएं हुई है जिसमें आर्म्स एक्ट और अन्य BNS की धाराओं के तहत कार्यवाही की गई है ।
बिलासपुर जिले में वर्ष 2025 में 51 चाकू बाजी की घटना घटित हुई है जिसमें अजमानतीय धाराओं के तहत मामला दर्ज कर आरोपीयों के विरूद्ध कठोर कानूनी कार्रवाई की गई है। साथ ही आर्म्स एक्ट के तहत 235 मामले दर्ज किए गए हैं जिसमें 166 नग़ चाकू, 32 नग तलवार,48 अन्य धारदार हथियार तथा 04 कट्टा/रिवॉल्वर/पिस्टल जप्त कर आरोपियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई कर जेल भेजा गया है। एवं अवैध हथियार रखने वालों पर लगातार आगे भी कार्यवाही जारी रहेगी।

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