
*बिलासपुर* । जैन समाज में परम पर्वाधिराज पर्युषण महापर्व 2025 का शुभारंभ बुधवार को हुवा। पर्व के प्रथम दिन श्वेतांबर समाज के अनुयायों द्वारा विधि विधान से भगवान जी को आठ दिनों के लिए चोपड़ा भवन तारबहार में पर्युषण पर्व स्थल में विराजमान किया गया। जहां विशेष पूजा अर्चना की गई । पर्व 20 से 27 अगस्त तक संपन्न होगा । सुबह कल्पसूत्र का वाचन विशेष पूजा, सामायिक, प्रतिक्रमण, आरती एवं रात्रि में भक्ति संपन्न हुवा । तेरापंथ समाज में धार्मिक अराधना कराने सुरत से उपासक पधारे । वहीं गुजराती जैन समाज टिकरापारा में धर्म ज्ञान की अवरल धारा प्रवाहित करने हेतु मुंबई से बहने आई है।
*चोपड़ा भवन- श्वेतांबर समाज ने किया पक्षाल पूजा एवं भक्ति*
पर्युषण महापर्व के पहले दिन सुबह नेहरू नगर विमल चोपड़ा के निवास से भगवान जी को लेकर तारबहार में स्थित चोपड़ा भवन में विराजित किया गया। जहां पर पूजन वेशभूषा धारण कर कई तरह के पाठ से शुद्धि का कार्य कर भगवानों को विराजमान किया गया । विधि विधान से पूजा अर्चना कर भगवान जी को स्थापित की गई । पश्चात समाज के श्रावक श्राविकाओ द्वारा पक्षाल पूजा, प्रार्थना की गई। सामूहिक जाप, दादा गुरुदेव इकतीसा का पाठ एवं अंत में विशेष आरती की गई। इसके पश्चात समाज की श्रीमती शोभा मेहता, श्रीमती ज्योति चोपड़ा द्वारा कल्प सूत्र का वाचन किया गया । रात्रि में धार्मिक संगीत संध्या संपन्न हुवे । जिसमें समाज के छोटे बच्चों से लेकर सभी भक्ति में शामिल होकर एक से बढ़कर भक्ति प्रस्तुत हुआ जो की देर रात तक चला। इस अवसर पर समाज के संरक्षक विमल चोपड़ा, नरेंद्र मेहता, इन्दरचंद बैद, सुभाष श्रीश्रीमाल, अमित मेहता, संजय छाजेड़, कविता मुनोत, अमिता गोलछा, शिल्पी डाकलिया, चंदन चोपड़ा, संगीता चोपड़ा, अपेक्षा चोपड़ा, अंजली मेहता, मीनू मेहता, तुषार मेहता एवं जैन श्वेतांबर श्री संघ द्वारा समाज के वरिष्ठ जनों के उपस्थिति में उक्त आयोजन को बड़ी ही धूमधाम से मनाया जा रहा ।
*बोली का लाभ*
शांति कलश हीरचंद संजय संजीव चोपड़ा, पांचो ज्ञान की बोली सुभाष चंद्र अनुराग कुमार श्रीमाल के द्वारा ली गई । गुरुवार सूत्र पोती जी को बोहराने की बोली श्रीमती कचरी देवी गोलछा प्रवीण एवं रूपेश गोलछा ने ली।
*वैशाली नगर तेरापंथ जैन- रात्रि भोजन नहीं करें, ठूसकर ना खाएं अल्पाहार का अभ्यास करें- उपासक मनीष मालू एवं कमलेश वैदमुथा*
तेरापंथ जैन समाज का वैशाली नगर निवासी गोलछा हाउस में सूरत से पधारे मनीष मालू एवं कमलेश वैदमुथा प्रवचन में पर्युषण का प्रथम दिन खाद्य संयम दिवस (खाने-पीने का संयम) के बारे में समझाते हुए कहा कि उपवास, आयंबिल, उनोदरी तप, ।, 5, 7, 9, 13 द्रव्य से ज्यादा न खाएं, रात्रि भोजन नहीं करें, ठूसकर ना खाएं अल्पाहार का अभ्यास करें, जमींकंद का प्रयोग न करें, अचित भोजन करें, रसनेन्द्रिय यानि जीभ की प्रवृति खाने का लोभ, खाने में उनोदरी, कम से कम आइटम(द्रव्य) खाना, संयम की साधना करने के लिए भोजन हो, क्रोध में, बोलते हुए, भोजन को गिराते हुए, आसक्ति के साथ भोजन, तनाव के साथ इन सभी अवस्था में भोजन नहीं करना है ।
उन्होंने कहा कि आज के दिन से प्रेरणा लेकर स्वाद पर विजय प्राप्त करने का प्रयास करें ।प्रतिदिन प्रसन्नता के साथ भोजन करना चाहिए । त्याग की रश्मि तेज बढ़ावै, त्याग मन का सब रोग मिटावै । त्याग है अमृत रस रो प्यालो, मोक्षनगरी को खोलै तालो । खाद्य संयम के साथ साथ कालचक्र के माध्यम से यह जानने का प्रयास किया की यह कालचक्र हमें क्या बताता हैं क्या प्रेरणा देता हैं यह शरीर नश्वर हैं आत्मा को उज्वलता की और ले जाए न की हम उस आत्मा को संसार के दलदल में फ़साने का काम न करें। छह आरो का वर्णन जिसमें आरो का क्या प्रभाव होता हैं, कैसा जीवन होता हैं इसकी विस्तृत जानकरी दी गई। इस अवसर पर सुरेन्द्र जैन मालू, चंद्र प्रकाश बोथरा, बिनोद लूनिया, प्रदीप दुग्गड़,हनुमान बोथरा, कन्हैया लाल बोथरा, भीखम दुग्गड़, मनोज धारीवाल, सुमित बोथरा, शीला छल्लानी, अंजू गोलछा, निकिता गोलछा, ललिका मालू, कुसुम लुनिआ, भावना बोथरा,सोनल नाहर, शांति दुग्गड़, कमला दुग्गड़, सहित समाज के लोग उपस्थित थे ।
*गुजराती जैन समाज टिकरापारा…..*
परम पर्युषण महापर्व के स्वागत में समाज के सभी गणमान्य सदस्य सम्मिलित होकर वेलकम पर्यूषण रैली निकाली । रैली में नारे जैनम जयति शासनम, महावीर प्रभु की जय जयकार, आज सोने चांदी से भी महंगा दिन है, पावन पर्युषण पर्व आपका स्वागत है, जीवन सफल बनाना है महावीर ऐसा दो आशीष, जैन धर्म का क्या संदेश जियो और जीने दो, पर्युषण महापर्व का जोरदार स्वागत किया गया। सुबह 7 बजे प्रार्थना, 9:00 बजे बाहर से आए हुए दीदी अल्पना बेन और दीदी दीपिका बेन के द्वारा धार्मिक प्रवचन दिया गया ।
प्रवचन में कहा कि मनुष्य अपने प्रिय जनों के बीच फंसा हुआ रहता है और अपने जीवन के मुख्य उद्देश्य जोकि अपनी स्वयं की आत्मा को परमात्मा से मिलाना है उसे ही वह भूल जाता है, जीवन में अपने परिवार की पालन पोषण की व्यवस्था करते-करते मनुष्य अपना जीवन समाप्त कर देता है । लेकिन वह अपने स्वयं की आत्मा को शुद्ध करना भूल जाता है, यदि वह स्वयं की आत्मा के लिए अपने इस मनुष्य जीवन में रोजाना दो घड़ी भी प्रयास करें तो उसका यह मनुष्य जीवन सफल हो सकता है और उसे भव साग़र में किसी भी योनि के जीवन में आने से बच सकता है । इस भवसागर में निरंतर जन्म लेने की क्रिया से बच सकता है। क्योंकि इस नरक गति में जीवन आने वाले सालों में बहुत ही कठिन होने वाला है जैन धर्म के आगम में लिखा है कि यदि भविष्य में मनुष्य इस कठिन जीवन शैली में जन्म नहीं लेना चाहता तो उसे अपने आत्मा को परमात्मा से मिलन के लिए प्रयास करना होगा। अपनी आत्मा की शुद्धि के लिए बहुत सारे मार्ग है जैसे तप, तपस्या, भक्ती, सामायिक, दूसरों की मदद, सेवा भावना, सदैव सत्य कहना, किसी अन्य व्यक्ति का बुरा ना करना, वाद विवाद ना करना, दान करना, आदि….
आज के कार्यक्रम में समाज के अध्यक्ष भगवान दास सुतारिया, खुशाल भाई तेजाणी, दिलीप भाई तेजाणी, नरेंद्र भाई तेजाणी, गोपाल वेलाणी, केतन सुतारिया, मनीष शाह, शरद दोषी, प्रवीण दामाणी, प्रदीप दामाणी, दीपक गांधी, हेमंत सेठ, उर्मिला तेजणी, हेमा तेजणी, पारुल सुतारिया, देवीला सुतारिया, अमिता सुतारिया, सोनल शाह, सोनल मनीष शाह, अर्चना वेलाणी, हेतल तेजणी, भाविका तेजणी, दीप्ति वोरा, शोभना सुतारिया, प्रशांत सुतारिया, सुनीत तेजणी, सुमित मिठाणी, अन्य समाज के सभी गणमान्य सदस्य उपस्थित थे ।
