
रवि भगत छत्तीसगढ़ भाजयुमो के प्रदेश अध्यक्ष हैं.
उनको भाजपा के शीर्ष नेतृत्व द्वारा पार्टी से निष्कासित करने की धमकी सिर्फ इसलिए दी जा रही है क्योंकि वे “अडानी संचार विभाग” के एक प्रवक्ता जो कि मंत्री भी है, उससे लगातार सवाल पूछ रहे हैं.
डीएमएफ और सीएसआर में जो भ्रष्टाचार चल रहा है, उसको ढकने की कोशिश की जा रही है.
रवि भगत की विचारधारा अलग हो सकती है लेकिन अपनी मेहनत से राजनीति में आगे बढ़े एक आदिवासी युवा को दबाकर, धमकाकर भाजपा यह संदेश देना चाहती है कि कोई भी न अडानी के लोगों से न ही सवाल पूछेगा और न ही भ्रष्टाचार पर सवाल उठाएगा.
हसदेव, तमनार में आदिवासियों को उजाड़ने के बाद अब भाजपा में आदिवासी नेतृत्व को दबाने की राजनीति शुरू हो गई है
आदिवासी को वनवासी कहने वाली RSS और भाजपा का यही मूल चरित्र है. सबको समझना होगा.
