आधारशिला सैनिक स्कूल द्वारा अभिभावकों के लिए आयोजित पेरेंटिंग पर कार्यशाला।

बच्चों के समग्र विकास की दिशा में सार्थक पहल”

आधारशिला विद्या मंदिर न्यू सैनिक स्कूल द्वारा अभिभावकों को बच्चों की बेहतर देखभाल, अनुशासन और कौशल विकास के विषय में जागरूक करने के उद्देश्य से एक विशेष शैक्षिक कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यशाला शहर के मध्य स्थित ट्वीन प्लाजा के संकल्प लर्निंग क्लासेज में तीन चरणों में संपन्न हुई।
इस कार्यशाला में अभिभावकों को बच्चों के समुचित विकास के विभिन्न पहलुओं से अवगत कराया गया। मुख्य विषयों में बच्चों के विकास के चरण, सकारात्मक अनुशासन, तथा बच्चों के साथ प्रभावी संवाद स्थापित करने की रणनीतियाँ शामिल थीं। इन विषयों को व्यवहारिक उदाहरणों और संवादात्मक सत्रों के माध्यम से प्रस्तुत किया गया, जिससे प्रतिभागी अभिभावकों ने उत्साहपूर्वक भागीदारी की।

पूरे कार्यक्रम का संचालन विद्यालय के कार्यकारी अधिकारी श्री साहिल गाँधी द्वारा किया गया, जो STEP (कौशल प्रशिक्षण और कार्यक्रम) के अंतर्गत कौशल विकास से संबंधित गतिविधियों का नेतृत्व कर रहे हैं। श्री गाँधी ने अपने अनुभवों के माध्यम से बताया कि किस प्रकार सकारात्मक दृष्टिकोण और संवाद के माध्यम से बच्चों के अंदर आत्मविश्वास, रचनात्मकता, और अनुशासन को बढ़ावा दिया जा सकता है।
कार्यशाला के अंत में प्रश्नोत्तर सत्र भी आयोजित किया गया, जिसमें अभिभावकों ने अपनी जिज्ञासाओं को साझा किया और श्री गाँधी द्वारा समाधान प्राप्त किए। अभिभावकों ने कार्यशाला की सराहना करते हुए इसे अत्यंत उपयोगी और ज्ञानवर्धक बताया।

कार्यशाला के मुख्य विषय:

कार्यक्रम का उद्देश्य अभिभावकों को बच्चों के व्यक्तित्व विकास और करियर निर्माण में रोल मॉडल के रूप में सशक्त करना था। कार्यशाला में निम्नलिखित प्रमुख विषयों को गहराई से प्रस्तुत किया गया:-
एक अच्छा रोल मॉडल कैसे बने – बच्चों के लिए प्रेरणास्त्रोत बनने के व्यवहारिक उपाय

Time to Think Beyond Marks – अंकों से परे सोचने की आवश्यकता और बच्चों में समग्र कौशल विकसित करने के तरीके

Five Elements of a Super Successful Career – एक सफल करियर के पांच आधारभूत तत्व

How and Why to Build a Strong Foundation – बाल्यावस्था में मजबूत बुनियाद कैसे और क्यों बनाई जाए

India @ 2047 – बच्चों को भारत के भविष्य निर्माण से जोड़ने की दृष्टि

अभिभावकों की भूमिका पर विशेष बल:

कार्यशाला में विशेष रूप से यह बात रेखांकित की गई कि बच्चों के जीवन में अभिभावकों की भूमिका सबसे अहम होती है। एक सकारात्मक, मार्गदर्शक और सहायक पालक ही अपने बच्चे के आत्मविश्वास, कौशल और भविष्य की नींव को मजबूत कर सकता है।
इसी उद्देश्य से कार्यशाला के अंतर्गत अभिभावकों की एक समर्पित कम्युनिटी का गठन किया गया, ताकि वे एक-दूसरे से जुड़कर समय-समय पर नई स्किल्स, करियर गाइडेंस, और मनोवैज्ञानिक व भावनात्मक समर्थन की जानकारियों से अवगत हो सकें। यह समुदाय आने वाले समय में एक सहयोगी मंच के रूप में कार्य करेगा।

अभिभावकों की प्रतिक्रिया:

अभिभावकों ने कार्यशाला को अत्यंत उपयोगी, प्रेरणादायक और व्यावहारिक बताया। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम न केवल बच्चों के दृष्टिकोण को बेहतर बनाने में सहायक है, बल्कि स्वयं पालकों की सोच को भी नया आयाम देता है।
विद्यालय प्रशासन ने भविष्य में भी इसी तरह की कार्यशालाएँ आयोजित करने की प्रतिबद्धता जताई, ताकि विद्यालय, अभिभावक और विद्यार्थी – तीनों मिलकर भारत के भविष्य निर्माण की दिशा में एकजुट होकर काम कर सकें। विद्यालय के डायरेक्टर श्री एस.के.जनस्वामी और प्राचार्या जी आर मधुलिका ने भी पूरे सेशन में उपस्थित रह कर अभिभावकों से अपने विचार साझा किये।
इस सेशन के दौरान मेधावी विद्यार्थियों के लिए निशुल्क scholarship परीक्षा भी संचालित की गई जिसके अंतर्गत प्रतिभाशाली छात्रों को 1 ₹में पूरी पढ़ाई, आवास व भोजन की सुविधा दी जाएगी।

विद्यालय प्रशासन ने आश्वासन दिया कि भविष्य में भी इस प्रकार की कार्यशालाएँ निरंतर आयोजित की जाएँगी, ताकि अभिभावक और शिक्षक मिलकर बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की दिशा में कार्य कर सकें।

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