स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव आलोक शुक्ला और डी.ई.ओ.बिलासपुर को अवमानना नोटीस ::: हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी 30 जून को रिटायर प्राचार्य को एक साल के इन्कीमेंट का भुगतान नहीं करने का मामला।

बिलासपुर जिले के ग्राम पॉड सकरी के रहने वाले गंगाधर सूर्यवंशी ने अपने अधिवक्ता अब्दुल वहाब खान के मार्फत हाईकोर्ट में इस आसय की अवमानना याचिका पेश किया है कि उसे हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी एक वर्ष के इंकीमेंट की राशि व उसके पेंशन का पुनरनिर्धारण करने के संबंध में हाईकोर्ट से जारी आदेश दिनॉक 27 अगस्त 2019 के बाद भी अब तक विभाग के द्वारा उसके अभ्यावेदन पेश करने के बाद भी कोई युक्तियुक्त कार्यवाही नहीं की गई है जो कि सीधे सीधे हाईकोर्ट के आदेश की अवमानना की कोटी में आता है तदाशय की याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई कर हाईकोर्ट के जज पी.सेम कोशी ने स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डॉ.आलोक शुक्ला समेत तत्कालीन डी.ई.ओ. बिलासपुर अशोक भार्गव को नोटीस जारी किया है । प्रकरण के तथ्य इस प्रकार है कि उक्त याचिकाकर्ता प्राचार्य के पद से दिनॉक 30.06.2017 को शास . सेवा से सेवानिवृत्त हुआ है । उसको चालू वर्ष के वेतन वृद्वी का लाभ प्रतिवर्ष 01 जुलाई को दिया जाता रहा है इसप्रकार 01 जुलाई 2017 को वेतन वृद्वी किया जाना था , किन्तु इसी बीच 30 जून 2017 को याचिक सेवानिवृत्त हो गया हैं , जिससे वह एक वेतन वृद्वी से वंचित कर दिया गया हैं और उसको पेंशन निर्धारण भी पिछले वर्ष के देय वेतन के आधार पर निर्धारित किया गया है , याचिक जो कि 30 जून 2017 को सेवानिवृत्त हुआ है उसे भी एक अतिरिक्त वेतन वृद्वी प्राप्त करने का अधिकार है । इस संबंध में पूर्व में माननीय उच्चतम न्यायालय एवं मद्रास हाईकोर्ट ने भी कर्मियों के पक्ष में आदेश पारित कर चुके है इसी तारतम्य छ.ग.हाईकोर्ट ने भी याचिकाकर्ता के पक्ष में आदेश दिनोंक 27 अगस्त 2019 को पारित कर निर्देशजारी किया गया था जिसपर किसी भी प्रकार की युक्तियुक्त कार्यवाही नही किये जाने पर उक्त अवमानना याचिका हाईकोर्ट में पेश की गई है जिसपर हाईकोर्ट ने स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव व डी ई ओ बिलासपुर को नोटीस जारी किया है ।

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