
बिलासपुर- अचानकमार टाइगर रिजर्व में घायल बाघिन मिलने के बाद वन विभाग के स्थानीय अधिकारियों कीकार्यशैली पर सवाल उठ रहा है।ग्रामीणों की सूचना पर विभाग को घायल बाघिन के बारे में जानकारी हुई । ईधर पीसीसी वाइल्ड लाइफ का दावा है कि घायल बाघिन की सूचना विभाग के अधिकारियों कर्मचारियों को पहले हुई किसी ग्रामीण ने सूचना नही दी। बाघिन का कानन पेंडारी में इलाज चल रहा है।दो डॉक्टर इलाज कर रहे है। एटीआर के अधिकारी कर्मचारी के खिलाफ कार्य पर पीसीसी वाईल्ड लाइफ ने कहा कि इसमें अधिकारियों कर्मचारियों कोई गलती नही है कार्यवाई की बात ही नही ।जंगल मे कितना ट्रेप कैमरा लगाएंगे जो लगा था उसके सामने से बाघिन नही गुजरी लेकिन स्टाफ के नजर में आ गई।
दरअसल वन विभाग में जीव और जंगल को दोनो की सुरक्षा के लिए वन मंत्री को गंभीरता दिखानी चाहिए । वन मंत्री की गंभीरता नही होने के कारण बेजुबानो के साथ न्याय नही हो रहा है।हो सकता वन मंत्री कोरोना के डर जैसे आम लोगो से नही मिलते न उनका फोन उठाते है वैसे ही अपने विभाग के अधिकारियों कर्मचारियों से नही मिलते हो और उनका फोन नही उठाते हो इसलिए अपने विभाग की कार्यशैली से अनजान है। एक कारण ये भी हो सकता है कि ज्यादा विभाग के मंन्त्री होने के कारण काम का बोझ होने के कारण काम नही कर पा रहे हो। जिसके कारण भी विभाग में कसावट नही है अब सीएम भूपेश ही कन्हा कन्हा देखेंगे लेकिन लगता देखना पड़ेगा।
