ए एम ओ, बीएमओ के गायब रहने का केक कटता है, फिर सब में बटता है, इसीलिए डायरिया होता है,अगर ये ड्यूटी पर रहते तो क्या डायरिया बढ़ता, इनके गायब रहने के कारण स्थिती बिगड़ी, कलेक्टर को पहले इनकी खबर लेनी चाहिए।,

बिलासपुर,स्वास्थ केंद्रो में ए एमो ओ, बीएमओ नियामित रहते तो डायरिया से मौत नही होती, कलेक्टर को बाइक से नही निकलना पड़ता , ए एम ओ बी एम ओ रहते कही है ड्यूटी कही करते है कुछ बी एम ओ प्राइवेट प्रैक्टिस करते,, कुछ की पत्नी डॉक्टर है उसके बहाने ड्यूटी छोड़ क्लीनिक चला रहे है स्वास्थ कर्मी और झोला छाप डॉक्टरों की कमीशन खोरी से इनके और शहर के बड़े नर्सिंग होम मोटी कमाई कर रहे है, ए एम ओ हर महीने अपना आधा वेतन ड्यूटी में नही जाने का अधिकारी को देते है इसमें पूरा चैन बना हुआ है, केक कटता है तो सब में बटता है, इस सब से कलेक्टर अनजान है कोई मलाई की बात बताएगा क्यों सब को ऊपर की मलाई पसंद है, डायरिया से मौत को मौसमी बता ए एम ओ बीएम ओ अपनी दुकान चला रहे है और ये चलते रहेगा ऐसे ए एम ओ की तो पीजी प्रतिबंधित कर देना चाहिए जिला प्रशासन लाख मेहनत कर ले जबतक इनके काकस पर कार्रवाई नही होगी निरीह लोगो की जाने जाते रहेगी स्वास्थ अमले को लापरवाही से ही सरकार की छवि धूमिल हो रही है।

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