बिलासपुर- वन मंत्री मोहम्मद अकबर से कोई उनके विभाग की गड़बड़ी करने की शिकायत तो उनकी पीड़ा हो जाती क्योंकि सब अधिकारी उनकी तरह ईमानदार है किसी ठेके को किसी को देने के लिए नही बोलते न कमीशन मांगते है ,पलनटेश कागज में फल फूल रहे है ,भूमाफिया वनमंत्री और अधिकारियों के डर पेड़ काटने से डर रहे है तब भी पेड़ कट रहे है गज़ब है। ईमानदार वन विभाग में कभी भी बड़े लोगो के बेटों को ठेका देने पर विवाद नही होता सब चुपचाप हो जाता है यही तरीका वन मंत्री का खास है तरीका है लेकिन काम होगा तो दिखेगा हुआ नही तो कंहा से दिखेगा ,जब तक नही दिखता चलता रहता है।लेकिन एक न एक दिन दिखता तो है जिसे खुद सूबे के मुख्यमंत्री ने देख लिया और सूरजपुर में एक वर्तमान डीएफओ मनीष कश्यप औरदूसरे भूतपूर्व डीएफओ भगत को और एक रेंजर को को सीएम साहब ने सस्पेंड कर दिया ,दूसरे स्वास्थ मंत्री बस्तर में उनके इलाके में मेडिकल ऑफिसर को लापरवाही पर सीएम ने सस्पेंड किया है ,ये चारों अधिकारी सीधे तौर पर सरकार की मोटी तनख्वाह लेकर जनता का काम नही कर रहे थे तो मुख्यमंत्री का को गुस्सा आना स्वाभाविक था ,ये भी तो हो सकता है कुछ जानबूझकर सीएम की फ्लैगशिप योजना का पलीता लगा रहे है। सवाल ये है कि दो डीएफओ और एक रेंजर ने सीएम के खैरख्वाह जंगल के मुखिया राकेश चतुर्वेदी ने इनको पहले क्यो नही निपटाया, या इनको भी विभाग की इस गड़बड़ी का पता नही था ,औऱ नही था तो बेहद गंभीर है? लेकिन अभी भूपेश का दौरा बाकी है सावधान………