
बिलासपुर के धैर्य की परीक्षा ले रही है सरकार
बिलासपुर 17 नवंबर हवाई सुविधा जन संघर्ष समिति ने 6 साल से चल रहे जन आंदोलन के बावजूद और राज्य सरकार द्वारा हाई कोर्ट में किए गए वादे की बिलासपुर एयरपोर्ट को 4c एयरपोर्ट बनाया जाएगा, के बावजूद राज्य सरकार और केंद्र सरकार के द्वारा इस मसले के लिए धनराशि की घोषणा न करना आम जनता की भावनाओं का अपमान है। समिति ने कहा कि ऐसा लगता है कि केंद्र और राज्य सरकार मिलकर बिलासपुर के धैर्य की परीक्षा ले रही है।
हवाई सुविधा जन संघर्ष समिति ने पड़ोसी राज्य उड़ीसा का उदाहरण देते हुए बताएं कि वहां राजधानी भुवनेश्वर और कटक के पास बड़ा हवाई अड्डा होने के बावजूद झारसुगुड़ा जैसे छोटे शहर में 4c एयरपोर्ट का निर्माण किया गया है। झारसुगुड़ा शहर की आबादी 2 से 3 लाख है और जिले की कुल आबादी भी 6 से 7 लाख है। इसके मुकाबले बिलासपुर शहर की आबादी ही 6 7 लाख है जबकि जिले की आबादी 20 लाख से अधिक है। झारसुगुड़ा को जहां पड़ोसी जिले संबलपुर राउरकेला सुंदरगढ़ के अलावा छत्तीसगढ़ के रायगढ़ और झारखंड के कोडरमा जिले के यात्री मिलते हैं उसकी तुलना में अकेले बिलासपुर संभाग में ही आठ जिले हैं साथ ही साथ बेमेतरा बलोदा बाजार मध्य प्रदेश के बालाघाट डिंडोरी अनूपपुर सरगुजा क्षेत्र के भरतपुर कोरिया आदि सभी जिले बिलासपुर एयरपोर्ट के नजदीक पड़ते हैं। इतने महत्वपूर्ण स्थल पर भी 4c एयरपोर्ट बने में जिस तरह आना खाने की जा रही है यह दर्शाता है कि सरकार का नजरिया छत्तीसगढ़ में केवल रायपुर और आसपास के क्षेत्र के विकास तक केंद्रित है। समिति ने बताया कि 2018-19 पर जब झारसुगुड़ा एयरपोर्ट का शुरुआत हुई थी तब से ही वह 4c एयरपोर्ट के रूप में कार्य कर रहा है। पहले इस क्षेत्र में पर्याप्त यात्री नहीं मिलते थे फिर भी केंद्र और राज्य सरकार ने एयरपोर्ट बंद नहीं होने दिया और लगातार सुविधा जारी रखी आज इसका परिणाम है कि झारसुगुड़ा से देश के चारों दिशाओं में महानगर दिल्ली मुंबई कोलकाता और बेंगलुरु के लिए सीधी उड़ान प्रतिदिन उपलब्ध है। इसके अलावा यहां से भुवनेश्वर लखनऊ और हैदराबाद के लिए भी उड़ान प्रतिदिन उपलब्ध है। यहां से 2024 25 में 331 000 यात्रियों ने यात्रा की है। बिलासपुर का बिलासा देवी केवट एयरपोर्ट जहां पर बोइंग और एयर बस की सुविधा नहीं है और बहुत ही कम उड़ाने उपलब्ध है वहां पर भी बड़ी संख्या में यात्री ट्रैवल कर रहे है।
हवाई सुविधा जन संघर्ष समिति ने कहा की छत्तीसगढ़ के 25 साल में सर विकास रायपुर और आसपास के क्षेत्र में केंद्रित रखें जाने के कारण अन्य इलाकों में यह भावना बलवती हो रही है कि उनके साथ अन्याय किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ जैसे राज्य में इस तरह की भावना का पैदा होना जनहित में नहीं है अतः यह उचित होगा कि बिलासपुर कोर्स का हक दिया जाए और 500 करोड रुपए की घोषणा करके भारतीय रक्षा मंत्रालय के कब्जे वाली जमीन वापस डिकर शीघ्र अतिशीघ्र 4सी ।एयरपोर्ट का निर्माण किया जाए।
