विकास के तमाम दावों के बीच,बेहद शर्मसार करने वाली झकझोरने वाली घटना, एक क्लास,एक गुरुजी, एक छात्र जो पांचवीं की परीक्षा देने नहीं पहुंचाजवाब पढ़ना नहीं चाहता, चिंतनीय।

प्रदेश में ऐसर भी स्कूली जहां एक छात्र एक गुरुजी ऐसी अव्यवस्था, शिक्षा विभाग में मनमानी शिक्षा में अगरर संवेदनशीलता नहीं रहेगी तो प्रदेश का भविष्य ऐसे ही निकलेगा,इस घटना से ये भी पोल खुली की सरकारी स्कूल कैसे चल रहे है जय श्री राम के साथ प्रदेश बच्चो को पढ़ाना भी होगा , कागज में ढोंग धतूरा करने से नहीं चलेगा जमीन में अच्छा काम करना हो गा , छत्तीसगढ़ का भविष्य कैसे बरबाद हो रहा है इससे दिखता है,।

अरमान ने कहा कि मेरे पढ़ने का कोई अरमान नही है।

बिलासपुर,तखतपुर_ तखतपुर विकासखण्ड अंतर्गत ग्राम देवतरी प्राथिमक शाला में पढ़ने वाले छात्र अरमान कुर्रे आज परीक्षा दिलाने ही स्कूल नही पहुंचा। तीन घंटे तक केंद्राध्यक्ष और दो शिक्षक परीक्षा केंद्र में छात्र का इंतजार करते रहे जब छात्र अरमान के पास जाकर पुछा की परीक्षा दिलाने क्यो नही हये तब अरमान ने कहा मुझे पढ़ने का अरमान नही।

         छत्तीसगढ़ में कक्षा पांचवीं केंद्रीयकृत परीक्षा आज से शुरू हुई परीक्षा केंद्रों में जहां परीक्षार्थीयों ने पहुंचकर परीक्षा दिलायी वहीं परीक्षार्थीयों ने परीक्षा के प्रति उत्साह भी दिखाया पर केंद्रीयकृत परीक्षा होने के कारण परीक्षार्थीयों में परीक्षा का ऐसा खौफ दिखा कि ग्राम देवतरी प्राथिमक शाला के छात्र अरमान कुर्रे पिता जलेश्वर कुर्रे जो कि कक्षा पांचवीं का छात्र है छात्र जब परीक्षा केंद्र में नही पहुंचा तब शिक्षक देवराज सिंह क्षत्री परीक्षा के शुरू होने के आधे घंटे बाद छात्र अरमान को ढुंढते हुए उसके घर पहुंचा तब उसकी मां लक्ष्मी कुर्रे और पिता जलेश्वर कुर्रे ने अपने पुत्र अरमान को स्कूल जाने के लिए कहा छात्र अरमान स्कूल जा रहा हूं कहकतपीr से निकला तो जरूर पर स्कूल नही पहुंचा उधर केंद्राध्यक्ष योगेश मिश्रा, शिक्षक देवराज सिंह क्षत्री एवं गिरधारी लाल जांगड़े छात्र का इंतजार करते रहे। पर 11 बजे तक वह स्कूल नही पहुंचा। ग्राम देवतरी मे कक्षा पांचवीं में केवल एक छात्र अध्ययनरत है जो परीक्षा दिलाने नही पहुंचा है। जब छात्र अरमान को ढुंढते हुए पत्रकार की टीम उसके घर पहुंची तो छात्र घर के अंदर बैठा हुआ था आवाज देने से जब बाहर आया तो उससे जब पूछा गया कि वह स्कूल परीक्षा देने क्यों नही गया तब अरमान ने कहा कि मेरे पढ़ने का कोई अरमान नही है। तखतपुर से टेकचंद कारड़ा।

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